एमसीएम डीएवी कॉलेज कांगड़ा में प्रथम विश्व ध्यान दिवस पर विशिष्ट व्याख्यान का किया आयोजन
एमसीएम डीएवी कॉलेज कांगड़ा में संस्कृत विभाग के सौजन्य से प्रथम विश्व ध्यान दिवस के शुभ अवसर पर एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया।

सुमन महाशा। कांगड़ा
एमसीएम डीएवी कॉलेज कांगड़ा में संस्कृत विभाग के सौजन्य से प्रथम विश्व ध्यान दिवस के शुभ अवसर पर एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ बलजीत सिंह पटियाल के मार्गदर्शन में किया गया ।
इस अवसर पर संस्कृत विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अरुणदीप शर्मा ने संयुक्त राष्ट्र महासभा ने, दुनिया भर में ध्यान (Meditation) या चिन्तन के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से 21 दिसम्बर को विश्व ध्यान दिवस घोषित किया है और वर्ष 2024 में यह प्रथम दिवस मनाया जा रहा है। इस वर्ष की विश्व ध्यान दिवस की थीम *आंतरिक शांति, वैश्विक सद्भाव' (inner peace, global harmony) तय की गई है।* उन्होंने बताया कि ध्यान एक अभ्यास है जिसमें मानसिक और शारीरिक तकनीकों के संयोजन का उपयोग करके अपने मन को केंद्रित या साफ़ किया जाता है। आप जिस तरह का ध्यान चुनते हैं, उसके आधार पर आप आराम करने, चिंता और तनाव को कम करने और बहुत कुछ करने के लिए ध्यान कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि प्रतिवर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है और इसके ठीक छ: महीने बाद 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस आता है। जिसमें भारत ने वर्ष 2014 में 21 जून को अंतरराट्रीय योग दिवस मनाना घोषित किया था और संयुक्त राष्ट्र महासभा में कोर समूह के अन्य देशों के साथ मिल कर भारत ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस यानि वर्ल्ड मेडिटेशन डे के रूप में घोषित करने के प्रस्ताव को स्वीकार किया था। ध्यान मानसिक तथा शारीरिक विकारों को दूर करने में कारगर होने के साथ ही यह स्वस्थ जीवन जीने के लिए भी प्रेरित करता है।
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