अनिल अंबानी पर ED का शिकंजा, 7500 करोड़ संपत्ति जब्त, 14 नवंबर को पूछताछ
ED ने अनिल अंबानी को मनी लॉन्ड्रिंग केस में 14 नवंबर को तलब किया, 7500 करोड़ की सम्पतियां जब्त, बैंक फ्रॉड और लोन डायवर्जन में गहन जांच शुरू।
रिलायंस ग्रुप चेयरमैन अनिल अंबानी पर भारतीय प्रवर्तन निदेशालय (ED) का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। मनी लॉन्ड्रिंग और बैंक लोन फ्रॉड केस में ED ने उन्हें 14 नवंबर को दिल्ली मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया है। यह मामला देश के कॉर्पोरेट सेक्टर में सबसे बड़ी जांचों में से एक माना जा रहा है।
क्या है मामला?
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रिलायंस कम्युनिकेशंस समेत कई कंपनियों पर सरकारी और निजी बैंकों से हजारों करोड़ के लोन में अनियमितता के आरोप।
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2010-2012 के दौरान करीब ₹19,694 करोड़ का लोन, जिसमें से 13,600 करोड़ layered transactions से अन्य कंपनियों में डायवर्ट।
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ED ने Navi Mumbai स्थित Dhirubhai Ambani Knowledge City समेत 42+ सम्पतियां, कुल 7500 करोड़ से अधिक, पूर्व में जब्त की हैं।
जांच की ताज़ा स्थिति
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अगस्त 2025 में अनिल अंबानी से 8 घंटे की पूछताछ हो चुकी है।
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रिलायंस ग्रुप के पूर्व फाइनेंस प्रमुख अशोक पाल को भी फर्जी गारंटी मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है।
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जांच CBI की FIR पर आधारित, जिसमें public funds की धोखाधड़ी, लोन डायवर्जन, और बैंक फ्रॉड के आरोप।
ED की पूछताछ के सवाल
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रकम की डायवर्जन कैसे, क्यों और किन कंपनियों को हुई?
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दस्तावेज़ों और डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर जवाब माँगा जाएगा।
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क्या अनियमितता के लिए अधिकारी जिम्मेदार हैं?
निष्कर्ष
इस केस को कारोबारी जगत के सबसे बड़े बैंक फ्रॉड और कॉर्पोरेट मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में गिना जा रहा है। ED की जांच से देश के वित्तीय सुरक्षा और पारदर्शिता को लेकर सवाल उठे हैं। 14 नवंबर की पूछताछ से इस हाई-प्रोफाइल मामले में कई अहम खुलासे हो सकते हैं।
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