मोहन भागवत बोले—“भारत में कोई अहिंदू नहीं, सबका डीएनए एक”
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने 8 नवंबर 2025 को 100 Years of Sangh Journey कार्यक्रम में कहा—भारत में हिंदू, मुस्लिम, ईसाई सबका डीएनए एक है; राष्ट्रीय एकता पर फिर छिड़ी बहस।
RSS के 100 साल पूरे होने पर बेंगलुरु में आयोजित ‘100 Years of Sangh Journey: New Horizons’ कार्यक्रम में मोहन भागवत ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत में कोई 'अहिंदू' नहीं है—हिंदू, मुस्लिम, ईसाई सभी एक ही पूर्वज, एक ही डीएनए के उत्तराधिकारी हैं।
कार्यक्रम के प्रमुख बिंदु
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RSS की राजनीति में रुचि नहीं, हमारा उद्देश्य समाज को संगठित करके राष्ट्रीय एकता को मजबूत करना है
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पूरे देश के नागरिक सांस्कृतिक और मानसिक रूप से जुड़े हैं
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भाईचारे, सद्भावना और समाज में असमानता मिटाने पर ज़ोर
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विविधता में एकता ही भारत की सबसे बड़ी ताकत है
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संघ का मिशन भारत को विश्वगुरु बनाना
राजनीतिक बहस और प्रतिक्रिया
भागवत के बयान के बाद देशभर में बहस तेज हो गई है। कुछ दलों ने इसकी सराहना की, तो कुछ विपक्षी नेताओं ने इसे हिंदू राष्ट्र के विचार से जोड़कर संदेह जताया है। भारतीय समाज में विविधता और सहिष्णुता की चर्चा फिर शुरू हो गई है।
हिमाचल की आवाज
हिमाचल के जाणकारों ने कहा कि ऐसे बयान से समाज में विश्वास और भाईचारा बढ़ेगा। स्थानीय समुदाय ने राष्ट्रीय एकता के संदेश की सराहना की है।
निष्कर्ष
RSS प्रमुख ने अपने बयान से समाज की विविधता, एकता और साझा इतिहास पर फिर ज़ोर दिया है। यह चर्चा भारत के सामाजिक ताने-बाने को नई सोच देती है।
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