हमीरपुर में मशरूम उत्पादन पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर हुआ संपन्न
कृषि विज्ञान केंद्र हमीरपुर स्थित बड़ा में आर्य परियोजना के अंतर्गत मशरूम उत्पादन विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का समापन शुक्रवार को हुआ।

रूहानी नरयाल। नादौन
कृषि विज्ञान केंद्र हमीरपुर स्थित बड़ा में आर्य परियोजना के अंतर्गत मशरूम उत्पादन विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का समापन शुक्रवार को हुआ। इस शिविर में जिला हमीरपुर के 36 युवा किसानों को मशरूम उत्पादन के गुर सिखाए गए। उद्यान विभाग के पूर्व उपनिदेशक डॉ विद्यासागर ने बुधवार प्रशिक्षक सभी किसानों को मशरूम उगाने की विस्तृत जानकारी दी जिसमें डिग्री तथा बटन मशरूम उगाने की विधियां तथा उनके प्रैक्टिकल करवाए गए। केंद्र प्रभारी डॉक्टर विशाल डोगरा ने मशरूम उत्पादन का महत्व बताते हुए किसानों को कृषि विविधीकरण अपना कर अपनी आय में वृद्धि करने के लिए प्रेरित किया। डॉ नवनीत जरियाल ने मशरूम उत्पादन के उपरांत बचाने वाले स्पेंट मशरूम के उचित प्रबंधन के बारे में किसानों का जानकारी दी। प्रशिक्षण के दौरान सभी किसानों को स्थानीय मशरूम उत्पादन इकाई प्रशिक्षण के दौरान सभी किसानों को स्थानीय मशरूम उत्पादन इकाई सहस्त्र एग्रो मशरूम में ले जाया गया तथा मशरूम उत्पादन की विधि के बारे में भी दिखाया गया। प्रशिक्षण के दौरान मशरूम के प्रगतिशील किसान प्रिंस ठाकुर ने किसानों के साथ अपने अनुभव सांझा किया जिसमें मशरूम उत्पादन के दौरान आने वाली विभिन्न समस्याएं तथा उनके समाधानों के बारे में किसानों को अवगत करवाया। प्रशिक्षण के अंतिम दिन रेखा डोगरा ने मशरूम के मूल्य वर्जित उत्पाद बनाने की विधि किसानों को सिखाई गई जिसमें मुख्यतः अचार चटनी तथा बड़ियां किसानों से बनवाए भी गए। फार्म मैनेजर दिनेश शर्मा ने किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र में लगे विभिन्न विधि प्रदर्शनों के बारे में जानकारी देते हुए फार्म का भ्रमण करवाया। प्रशिक्षण के समापन के समय प्रशिक्षकों को प्रमाण पत्र देते हुए डॉ विशाल डोगरा ने आग्रह किया की वह इस प्रशिक्षण में मिली जानकारी को इस्तेमाल में लाकर इसे उद्यम के रूप में अपनाएं तथा अन्य किसानों को भी इस तरह के कृषि उद्यमों को अपनाने के लिए प्रेरित करें।
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