जीएसआई टीम ने सौंपी मंडी जिला के आपदा प्रभावित क्षेत्रों की सर्वे रिपोर्ट
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण टीम ने मंडी जिले में बरसात में विभिन्न जगहों पर हुए भूस्खलन और भूधंसाव के कारणों का पता लगाने और रोकथाम के उपाय सुझाने के लिए किए सर्वे की रिपोर्ट प्रदेश सरकार तथा प्रशासन को सौंप दी है।

ब्यूरो। रोजाना हिमाचल
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) टीम ने मंडी जिले में बरसात में विभिन्न जगहों पर हुए भूस्खलन और भूधंसाव के कारणों का पता लगाने और रोकथाम के उपाय सुझाने के लिए किए सर्वे की रिपोर्ट प्रदेश सरकार तथा प्रशासन को सौंप दी है। रिपोर्ट मिलते ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशानुसार मंडी जिला प्रशासन इसमें सुझाए उपायों के मुताबिक तात्कालिक समाधान के साथ साथ दीर्घकालिक उपायों पर काम करने में जुट गया है।
मंडी के जिलाधीश अरिंदम चौधरी ने बताया कि जीएसआई की रिपोर्ट के आधार पर लोक निर्माण तथा जल शक्ति विभाग को सभी स्थलों पर प्रोटेक्शन कार्यों के लिए एक सप्ताह के भीतर प्राक्कलन तैयार करने को कहा गया है। उन्होंने गुरुवार को जीएसआई रिपोर्ट पर चर्चा के लिए बुलाई बैठक में संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभागों द्वारा दिए प्राक्कलन को राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (स्टेट डिजास्टर मिटिगेशन फंड - एसडीएमएफ) के तहत स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। इनमें नालों के तटीकरण, रॉक बोल्टिंग, भूमि भराव एवं संरक्षण, प्रोटेक्शन कार्य, डंगे लगाने इत्यादि कार्य किए जाएंगे।
जिलाधीश ने बताया कि मंडी शहर में पुराने सुकेती पुल के समीप विश्वकर्मा मंदिर चौक के सामने भूस्खलन वाले स्थल पर 1 करोड़ से प्रोटेक्शन कार्य किया जाएगा। इसमें रॉक बोल्टिंग की आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होगा। लोक निर्माण विभाग ने इसके लिए प्राथमिक प्राक्कलन तैयार किया है। कार्य के लिए 30 लाख रुपये गुरुवार को ही जारी कर दिए गए हैं और विभाग को तुरंत इसका टेंडर लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि मंडी की टारना पहाड़ी में भूस्खलन और भूधंसाव की समस्या के समाधान के उपायों के तहत पहाड़ी में आई दरारों का उपयुक्त सामग्री से भराव के अलावा सीपेज रोकने के उपाय तथा जल निकासी की सुव्यवस्था के साथ ही अन्य प्रोटेक्शन कार्य किए जाएंगे।
जिलाधीश ने आईआईटी मंडी के पदाधिकारियों से इन सभी भूस्खलन तथा भूधंसाव प्रभावित अथवा संभावित स्थलों पर विशेष सेंसर लगाने का आग्रह किया। जिलाधीश ने कहा कि मंडी जिले में अन्य भूस्खलन तथा भूधंसाव प्रभावित अथवा संभावित स्थलों के सर्वेक्षण के लिए आईआईटी मंडी के वैज्ञानिकों की मदद ली जा रही है। वैज्ञानिकों का एक दल जल्द ही जिले में चिन्हित जगहों का दौरा कर रोकथाम के उपायों को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।
इस बैठक में सदर मंडी के एसडीएम ओम कांत ठाकुर, सरकाघाट की एसडीएम स्वाति डोगरा, सुंदरनगर के एसडीएम गिरीश समरा, डीसीएफ मंडी वासु डोगर, आईआईटी मंडी के प्रोफेसर प्रसन्ना तथा आशुतोष, लोक निर्माण तथा जल शक्ति विभाग के आला अधिकारियों समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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