कांगड़ा वैली कार्निवल को मिला सरकारी दर्जा, पर्यटन को नई उड़ान

कांगड़ा वैली कार्निवल को हिमाचल सरकार ने सरकारी उत्सव का दर्जा दिया। अब हर साल 24 से 31 दिसंबर तक धर्मशाला में होगा भव्य आयोजन।

Dec 18, 2025 - 20:29
 0  81
कांगड़ा वैली कार्निवल को मिला सरकारी दर्जा, पर्यटन को नई उड़ान

संजीव भारद्वाज। धर्मशाला

कांगड़ा जिले के लिए यह एक ऐतिहासिक और गर्व का क्षण है। कांगड़ा वैली कार्निवल को हिमाचल प्रदेश सरकार ने आधिकारिक रूप से सरकारी उत्सव का दर्जा दे दिया है। अब यह भव्य आयोजन हर वर्ष 24 से 31 दिसंबर तक पुलिस मैदान, धर्मशाला में नियमित रूप से आयोजित किया जाएगा।


अब नहीं रहेगी बजट और तारीख की अनिश्चितता

धर्मशाला नगर निगम के पूर्व महापौर देवेन्द्र जग्गी ने कहा कि अब तक यह कार्निवल जिला प्रशासन के स्तर पर आयोजित होता था, जिससे—

  • बजट सीमित रहता था

  • आयोजन की तारीख हर साल बदल जाती थी

  • पर्यटकों को स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाती थी

सरकारी दर्जा मिलने के बाद यह उत्सव अब राज्य सरकार के वार्षिक कैलेंडर का स्थायी हिस्सा बन गया है।


क्रिसमस–न्यू ईयर टूरिज्म को मिलेगा बड़ा सहारा

24 से 31 दिसंबर की तिथि तय होना दूरदर्शी निर्णय है। इस दौरान—

  • क्रिसमस और नववर्ष पर भारी संख्या में पर्यटक आते हैं

  • कांगड़ा वैली कार्निवल बनेगा खास आकर्षण

  • पर्यटन सीजन को मिलेगा अतिरिक्त बढ़ावा

यह कदम धर्मशाला और कांगड़ा घाटी को विंटर टूरिज्म हब के रूप में मजबूत करेगा।


स्थानीय कारोबार और रोजगार को सीधा फायदा

देवेन्द्र जग्गी ने कहा कि इस कार्निवल से—

  • होटल, टैक्सी, रेस्टोरेंट कारोबार को बढ़ावा

  • हस्तशिल्प और स्थानीय उत्पादों की बिक्री

  • युवाओं और स्वरोजगार से जुड़े लोगों को अवसर

यह आयोजन कांगड़ा को प्रदेश की पर्यटन राजधानी के रूप में स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।


ड्रोन शो से लेकर मिलेट फेस्टिवल तक होंगे आकर्षण

कांगड़ा वैली कार्निवल में शामिल होंगे—

  • ड्रोन शो और फैशन शो

  • रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम

  • मैराथन व खेल प्रतियोगिताएं

  • मिलेट फेस्टिवल

  • स्थानीय कला व हस्तशिल्प के लिए क्राफ्ट बाजार

इन आयोजनों से हिमाचल की सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय पहचान मिलेगी।


मुख्यमंत्री की दूरदर्शी नीति का परिणाम

जग्गी ने कहा कि यह निर्णय मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की दूरदर्शी सोच को दर्शाता है। धर्मशाला में विधानसभा का शीतकालीन सत्र नवंबर में आयोजित करना भी इसी नीति का हिस्सा है, जिससे—

  • नवंबर और दिसंबर दोनों महीनों में पर्यटन सक्रिय रहता है

  • स्थानीय कारोबारियों को निरंतर आय मिलती है

सरकार ने सत्ता नहीं, बल्कि ज़मीनी अर्थव्यवस्था और आम लोगों की रोज़ी-रोटी को प्राथमिकता दी है।


निष्कर्ष

कांगड़ा वैली कार्निवल को सरकारी दर्जा मिलना सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि पर्यटन, रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने वाला ऐतिहासिक फैसला है।

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0