पठानकोट–जोगिंदरनगर ब्रॉडगेज सर्वे पूरा, रेल विस्तार को हरी झंडी
पठानकोट–जोगिंदरनगर ब्रॉडगेज रेल परियोजना का सर्वे पूरा। 31 हजार करोड़ की लागत से कांगड़ा घाटी को रेल विस्तार की नई रफ्तार मिलेगी।
धर्मशाला | संजीव भारद्वाज
हिमाचल प्रदेश में रेल नेटवर्क के विस्तार की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि सामने आई है। पठानकोट–जोगिंदरनगर ब्रॉडगेज परियोजना का सर्वे पूरा हो चुका है, जिससे प्रदेश में आधुनिक रेल संपर्क की उम्मीदें और मजबूत हुई हैं। इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर अनुमानित 31 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत आने का आकलन किया गया है।
270 किलोमीटर ट्रैक, पहाड़ों में चुनौतीपूर्ण निर्माण
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार—
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कुल प्रस्तावित रेल ट्रैक: करीब 270 किलोमीटर
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पहाड़ी क्षेत्र से गुजरने वाला हिस्सा: 57 किलोमीटर
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इस खंड में विशेष इंजीनियरिंग तकनीक और सुरक्षा उपाय जरूरी होंगे
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, पहाड़ी भूभाग के कारण सुरंगों और पुलों का निर्माण इस परियोजना का अहम हिस्सा रहेगा।
कांगड़ा घाटी को होगा सीधा फायदा
यह परियोजना केंद्र सरकार की प्राथमिक रेल योजनाओं में शामिल है। ब्रॉडगेज में तब्दील होने से—
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कांगड़ा घाटी और आसपास के क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी
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मौजूदा नैरो गेज की सीमाएं होंगी खत्म
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ट्रेनों की गति और क्षमता दोनों में बढ़ोतरी
यात्रियों के साथ-साथ माल ढुलाई भी अधिक सुगम होगी।
पर्यटन, रोजगार और सामरिक मजबूती
रेल लाइन के ब्रॉडगेज बनने से—
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पर्यटन को नई गति मिलेगी
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स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
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सामरिक दृष्टि से भी यह रेल मार्ग महत्वपूर्ण साबित होगा
विशेषज्ञों का मानना है कि यह परियोजना हिमाचल की आर्थिक और सामाजिक तस्वीर बदलने में सहायक होगी।
अब आगे क्या?
सर्वे पूरा होने के बाद—
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रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक स्वीकृतियां ली जाएंगी
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इसके बाद निर्माण प्रक्रिया शुरू करने की दिशा में कदम बढ़ेंगे
प्रदेशवासियों को उम्मीद है कि यह परियोजना जल्द धरातल पर उतरकर हिमाचल को रेल मानचित्र पर नई पहचान दिलाएगी।
निष्कर्ष
पठानकोट–जोगिंदरनगर ब्रॉडगेज परियोजना का सर्वे पूरा होना हिमाचल प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। यदि यह परियोजना समयबद्ध तरीके से पूरी होती है, तो रेल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में प्रदेश को बड़ा लाभ मिलेगा।
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