खरीफ फसलों की वैज्ञानिक खेती को लेकर 43 शिविरों का आयोजन संपन्न
हमीरपुर जिले में खरीफ फसलों की वैज्ञानिक खेती के लिए कृषि विभाग ने 43 शिविरों का आयोजन किया, जिसमें 4500 किसानों को खेती की आधुनिक तकनीक, बीमा और सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई।

रूहानी नरयाल। नादौन
गुरुवार को जिला में कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि विभाग तथा आत्मा परियोजना की सहभागिता से चलाए जा रहे विकसित कृषि संकल्प अभियान का समापन हुआ। इस 15 दिवसीय अभियान का आरंभ 29 मई को नादौन ब्लॉक के ग्राम सासन से किया गया तथा इसका समापन नादौन ब्लॉक की पनियाली पंचायत में कैंप लगाकर किया गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य खरीफ फसलों की बिजाई से पूर्व किसानों तक खरीफ फसलों की खेती संबंधित वैज्ञानिक सिफारिशों को पहुंचाना तथा किसानों को केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही कृषि परियोजनाओं की जानकारी देना था। जिला हमीरपुर में इस अभियान के अंतर्गत सभी 6 ब्लॉकों में कुल 43 शिविरों का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 4500 किसानों ने कृषि वैज्ञानिकों तथा कृषि अधिकारियों से सीधा संवाद स्थापित किया। इस अभियान के शिविरों में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को वैज्ञानिक शोध के ऊपर आधारित फसल पद्धति अपनाने हेतु कृषि विश्वविद्यालय द्वारा जारी सिफारिश के बारे में अवगत करवाया तथा डिजिटल माध्यम के द्वारा विभिन्न फसलों की सिफारिशों को किसानों तक पहुंचाया गया। कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों को केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कृषि परियोजनाओं तथा इन परियोजनाओं में आवेदन हेतु विधि के बारे में जानकारी दी गई। आत्मा परियोजना के अधिकारियों द्वारा रसायन रहित कृषि करने के इच्छुक किसानों को प्राकृतिक खेती पद्धति से जुड़ने हेतु जानकारी दी गई तथा आवश्यक प्रशिक्षण हेतु पंजीकरण भी किया गया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत खरीफ फसलों में मक्की की फसल बीमा करने हेतु जरूरी जानकारी भी दी गई जिसमें कि किसानों को बताया गया की मकई के फसल बीमा के लिए रजिस्ट्रेशन 15 जुलाई तक रहेगी जिसके लिए किसान नजदीकी लोकमित्र केंद्र अथवा बैंकों में अपना आधार कार्ड जमीन का पर्चा तथा बैंक डिटेल देकर 48 रुपए प्रति कनाल किधर से प्रीमियम का भुगतान कर फसल बीमा करवा सकते हैं जिससे कि ₹2400 प्रति कनाल तक का बीमा कवरेज रहेगा। इस अभियान के शिविरों में किसानों को जरूरी जानकारी देने के साथ ही किसानों का कृषि विज्ञान एक तथा कृषि अधिकारियों से सीधा संवाद भी किया गया जिसमें किसने की खेती संबंधित समस्याओं के समाधान भी किसानों को सुझाए गए।
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