डीएवी कॉलेज कांगड़ा में गीता जयंती के उपलक्ष्य पर किया भाषण एवं कविता पाठ प्रतियोगिता का आयोजन

एमसीएम डीएवी कॉलेज कांगड़ा में गीता जयंती के पावन उपलक्ष्य पर संस्कृत विभाग के सौजन्य से भाषण एवं कविता पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

Dec 11, 2024 - 20:45
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डीएवी कॉलेज कांगड़ा में गीता जयंती के उपलक्ष्य पर किया भाषण एवं कविता पाठ प्रतियोगिता का आयोजन

सुमन महाशा। कांगड़ा

एमसीएम डीएवी कॉलेज कांगड़ा में गीता जयंती के पावन उपलक्ष्य पर संस्कृत विभाग के सौजन्य से भाषण एवं कविता पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ बलजीत सिंह पटियाल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की । प्रतियोगिता हाल में पहुंचने पर प्राचार्य का संस्कृत विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अरुणदीप शर्मा ने विधिवत रूप से औपचारिक स्वागत किया । 

इस अवसर पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में कुल 23 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इसमें मोनिका ने प्रथम स्थान, शिवानी ने द्वितीय स्थान और कृतिका ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। 

कविता पाठ प्रतियोगिता में कुल 13 प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमें आयुष ने प्रथम स्थान, बादल ने द्वितीय स्थान और चंद्र शमशेर सिंह ठाकुर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया । 

प्राचार्य डॉ बलजीत सिंह पटियाल ने सभी को आशीर्वाद और शुभकामनाएं देते हुए विजेता छात्र-छात्राओं को स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया । प्राचार्य महोदय ने कहा कि प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गीता जयंती मनाई जाती हैं। उन्होंने कहा कि

हिंदू धर्म में गीता को सबसे पवित्र और पूजनीय ग्रंथ माना गया है, इसमें मौजूद भगवान कृष्ण द्वारा कही गई बातें आज भी युवाओं को अवसाद, चिंता और भय से दूर करती है। मान्यता है कि गीता के उपदेशों को जीवन में उतारने से व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होता है। साथ ही व्यक्ति क्रोध, लोभ, मोह से दूर रहता है।

इस दौरान संस्कृत विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अरुणदीप शर्मा ने कहा कि इस साल 11 दिसंबर 2024 को गीता जयंती का पर्व पूरे भारत में मनाया जा रहा है। इस दिन मोक्षदा एकादशी का उपवास भी रखा जाता है, जो भगवान विष्णु की पूजा को समर्पित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मोक्षदा एकादशी पर भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का पाठ पढ़ाया था। यह वह समय था जब अर्जुन के कदम महाभारत की युद्ध भूमि कुरुक्षेत्र में डगमगाने लगे थे, तब गीता का उपदेश सुनकर ही अर्जुन अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर हुए।

इस प्रतियोगिता में डॉ सीमा देवी और प्रो राकेश ने निर्णायक की भूमिका निभाई। 

इस अवसर पर अध्यापक वर्ग में डॉ राखी महाजन, डॉ शैलजा ठाकुर, प्रो दिनेश शर्मा, प्रो श्वेता, प्रो कीर्ति राणा, प्रो इंदु और महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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