आईटीआई शाहपुर में वर्ल्ड एड्स दिवस पर जागरूक किए छात्र
एड्स एक ऐसी जानलेवा बीमारी है जो मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु (एचआईवी) संक्रमण के बाद होती है।

विशाल वर्मा। शाहपुर
एड्स एक ऐसी जानलेवा बीमारी है जो मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु (एचआईवी) संक्रमण के बाद होती है। एचआईवी संक्रमण के पश्चात मानवीय शरीर की प्रतिरोधक क्षमता घटने लगती है। यह बात आईटीआई के प्रधानाचार्य चैन सिंह राणा जी ने कही। उन्होंने बताया कि एड्स का पूर्ण रूप से उपचार अभी तक संभव नहीं हो सका है। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति में एड्स की पहचान संभावित लक्षणों के दिखने के पश्चात ही हो पाती है।
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के समूह अनुदेशक राजीव कुमार जी ने बताया कि सन 1983 में एड्स नामक भयंकर बीमारी का पता चला था l उन्होंने बताया कि भारत एचआईवी/एड्स उन्मूलन की दिशा में लगातार कठिन प्रयास कर रहा है। एड्स नामक इस भयानक बीमारी ने देश की एक बड़ी आबादी को अपने प्रभाव में जकड़ रखा है। एचआईवी से संबंधित मामलों को पूर्ण रूप से ख़त्म किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं एवं पिछले कुछ वर्षों में भारत ने इस प्रयास में अंशतः सफलता भी पाई है। इस कार्यक्रम में पोस्टर मेकिंग कंपटीशन के माध्यम से बच्चों को जागरूक किया गया।
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