बेसहारा पशुओं की समस्या के समाधान को लेकर सरकार ने कसी कमर

कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य पालन मंत्री, प्रोफेसर चन्द्र कुमार चौधरी ने पालमपुर में आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) प्रयोगशाला का शुभारंभ किया।

Jan 7, 2025 - 18:39
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बेसहारा पशुओं की समस्या के समाधान को लेकर सरकार ने कसी कमर

मनोज धीमान। पालमपुर 

कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य पालन मंत्री, प्रोफेसर चन्द्र कुमार चौधरी ने पालमपुर में आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) प्रयोगशाला का शुभारंभ किया। पालमपुर के विधायक आशीष बुटेल कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित रहे। 

चंद्र कुमार ने कहा कि एक करोड 91 लाख रुपये की लागत से यह प्रदेश में पहली प्रयोगशाला होगी। इसमें आईवीएफ तकनीक से पशुओं की प्रजनन क्षमता के साथ उन्नत नस्ल किस्म के दुधारू पशु विकसित होंगे। उन्होंने कहा कि किसानों, बागवानों और पशुपालकों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। उन्होंने कहा कि पशुपालकों को मजबूत करने के लिए पशुपालन विभाग बहुत गंभीरता से कार्य कर रहा है। 

उन्होंने कहा कि पालमपुर क्षेत्र की जलवायु अनुसंधान के लिये सबसे उत्तम है। सरकार का प्रयास है कि यहां स्थापित आईवीएफ तकनीक प्रयोगशाला के प्रदेश मॉडल का अनुसरण पूरा देश करे।

 कृषि मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया है। जिसमें गाय के दूध को 45 रुपए किलो तथा भैंस के दूध को 55 रुपए खरीद मूल्य निर्धारण किया है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिला के ढगवार में अढाई सौ करोड रुपए की लागत से दूध प्रसंस्करण केंद्र स्थापित किया जा रहा है, जिसमें प्रतिदिन डेढ़ लाख लीटर दूध प्रसंस्करण की सुविधा होगी।

चंद्र कुमार ने कहा कि प्रदेश में पशु जनगणना का कार्य अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश में लावारिस पशुओं की संख्या काफी पता लग सकेगा। उन्होंने कहा कि सड़कों से बेसहारा पशुओं को हटाने के लिए सरकार गंभीरता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष गौशालाओं को पशुओं के भरण पोषण के लिए 700 रुपये प्रति पशु के हिसाब से लगभग 70 करोड रुपए आवंटित किये गए हैं। लेकिन इसके को सार्थक नतीजे देखने में नहीं आ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार अब सीधे पशुपालकों को ही 700 रुपये प्रति पशु उपलब्ध करवा के पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि इस राशि को 700 से बढ़ाकर, साढ़े 1200 रुपये किया जा रहा है।

मंत्री ने वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि कोई भी अनुसंधान, प्रयोगशाला से जमीन तक पहुंचे इस दिशा में कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसानों को आर्थिक रूप में सुदृढ़ करने के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को गांव-गांव तक पहुंचे, इसके लिये ब्लॉक स्तर तक जागरुकता फैलाने का कार्य होना चाहिये।

इससे अवसर पर पालमपुर के विधायक, आशीष बुटेल ने कृषि मंत्री, प्रोफेसर चंद्र कुमार का पालमपुर में आईवीएफ प्रयोगशाला लोगों को समर्पित करने के लिए आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि यह प्रयोगशाला पशुपालकों के लिए उन्नत किस्म के दुधारू पशु उपलब्ध करवाने के लिए मील पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि आईवीएफ तकनीक की जानकारी पशुपालकों के साथ प्रदेश के आम नागरिक तक पहुंचे ताकि लोगों को सरकार की योजना की जानकारी प्राप्त हो सके।

इस अवसर पर कृषि मंत्री प्रोफेसर चन्द्र कुमार चौधरी और विधायक आशीष बुटेल ने आईवीएफ प्रयोगशाला का अवलोकन किया।

इससे पहले विभाग के निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा ने मुख्यातिथि का स्वागत किया।

कार्यक्रम में त्रिलोक चन्द, उपनिदेशक डॉ.मोहिंदर शामा, डॉ. रवि ठाकुर और डॉ. सीमा गुलेरिया सहायक निदेशक डॉ. वीरेंदर पटियाल, संयुक्त निदेशक कृषि, डॉ. राहुल कटोच, उपनिदेशक कृषि डॉ. कुलदीप धीमान सहित पशुपालन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

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