Google Project Suncatcher: अंतरिक्ष में बनेगा अनोखा AI Data Center!
Google CEO सुंदर पिचाई ने Project Suncatcher की घोषणा की, जो अंतरिक्ष में सौर ऊर्जा से चलने वाला AI डेटा सेंटर है। जानिए टाइमलाइन, तकनीक और भविष्य पर इसका असर।
Google ने टेक्नोलॉजी की दुनिया में फिर क्रांति लाने की तैयारी कर ली है। CEO सुंदर पिचाई ने नवंबर 2025 में ‘Project Suncatcher’ की घोषणा की है। यह प्रोजेक्ट पृथ्वी के बाहर Low Earth Orbit (LEO) में AI डेटा सेंटर स्थापित करेगा, जो 24 घंटे सूरज की ऊर्जा से चलेगा।
क्या है Project Suncatcher?
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Project Suncatcher एक ‘space research moonshot’ है, जिसमें छोटे-छोटे सैटेलाइट्स नेटवर्क के जरिये AI डेटा प्रोसेसिंग के लिए सौर ऊर्जा का इस्तेमाल होगा।
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Google इन सैटेलाइट्स को अपनी कस्टम TPU चिप्स से लैस करेगा, जिससे मशीन लर्निंग और एआई प्रक्रियाएं और तेज़ और सटीक होंगी।
क्यों खास है यह स्पेस-बेस्ड डेटा सेंटर?
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Low Earth Orbit में सूरज की रोशनी लगातार मिलती है, जिससे ये सेंटर पृथ्वी के डेटा सेंटरों से करीब आठ गुना ज्यादा ऊर्जा दक्ष होंगे।
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उपग्रहों के बीच Free-Space Optical Links के जरिये डाटा बेहद तेज़ गति से ट्रांसफर हो सकेगा।
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पानी और ऊर्जा की कम खपत से पर्यावरण पर दबाव कम होगा।
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प्रोटोटाइप सैटेलाइट जनवरी-फरवरी 2027 में लॉन्च होंगे। 2030 के दशक में इसका वाणिज्यिक इस्तेमाल शुरू होने का अनुमान है।
कौन-कौन है रेस में?
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Google के साथ Planet Labs इस प्रोजेक्ट में पार्टनर है।
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Elon Musk की SpaceX भी इसी दिशा में काम कर रही है।
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Starcloud जैसे स्टार्टअप्स ने भी Nvidia GPU से लैस सैटेलाइट्स लॉन्च कर दिए हैं।
सवाल-जवाब
Q: क्या Project Suncatcher से नौकरी के मौके बढ़ेंगे?
A: नई टेक्नोलॉजी व रिसर्च के साथ स्किल्ड प्रोफेशनल्स की जरूरत बढ़ेगी।
Q: पर्यावरण पर क्या असर होगा?
A: यह टेक्नोलॉजी ऊर्जा और पानी की बचत के साथ पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाएगी।
निष्कर्ष
Google का Project Suncatcher एआई सर्विस को पर्यावरण के अनुकूल, टेक्नोलॉजी से भरपूर और भविष्य के लिए नए आयाम तय करेगा। टेक वर्ल्ड के लिए यह एक गेम-चेंजर कदम साबित हो सकता है — क्या आप तैयार हैं बदलाव के लिए?
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