जड़ोल बगीचे पर फैलाई जा रही अफवाहें निराधार: पूर्व सीपीएस सोहन लाल ठाकुर
पूर्व सीपीएस सोहन लाल ठाकुर ने स्पष्ट किया है कि जड़ोल के बागवानी विभाग के बगीचे को लेकर फैलाई जा रही अफवाहें गलत हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने अभी तक इस बगीचे को किसी को हस्तांतरित नहीं किया है।

रोहित कौशल। सुंदरनगर |
सुंदरनगर के पूर्व विधायक और पूर्व सीपीएस सोहन लाल ठाकुर ने जड़ोल के बागवानी विभाग के बगीचे को लेकर चल रही चर्चाओं को पूरी तरह बेबुनियाद और अफवाह करार दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस बगीचे को किसी व्यक्ति या संस्था को सौंपने का कोई निर्णय नहीं लिया है।
उन्होंने जानकारी दी कि हाल ही में नेरचौक मेडिकल कॉलेज के तहत मीर बख्श नामक स्थान के लिए भूमि सर्वेक्षण किया गया था, जिसके अंतर्गत मंडी जिला के कई क्षेत्रों में जमीनों का आंकलन हुआ, जिसमें जड़ोल भी शामिल है। परंतु इससे यह निष्कर्ष निकालना कि बगीचा किसी को दे दिया गया है, पूरी तरह गलत और भ्रामक है।
💬 “कुछ लोग जानबूझकर फैला रहे अफवाहें”
सोहन लाल ठाकुर ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ संगठन इस मुद्दे को गलत तरीके से प्रचारित कर रहे हैं और आम जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि “बगीचे को लेकर संघर्ष समिति का गठन करना अनुचित और राजनीति से प्रेरित क़दम है।”
उन्होंने बताया कि जड़ोल बगीचा एक ऐतिहासिक प्रदर्शन केंद्र है, जहां नई पौध तैयार की जाती है और स्थानीय बागवानों को प्रशिक्षण दिया जाता है। यह बगीचा दशकों से प्रेरणा का स्रोत रहा है और इसे लेकर गलत बयानबाजी करना निंदनीय है।
📍 क्या बोले ठाकुर:
-
सरकार ने अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है।
-
यह केवल सर्वेक्षण की प्रक्रिया थी, जैसा अन्य सरकारी भूमि पर होता रहा है।
-
जड़ोल बगीचे की ऐतिहासिक व तकनीकी उपयोगिता को किसी सूरत में नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
What's Your Reaction?






