पुष्कर मुनि की जयंती पर गूँजा नवकार मंत्र
नादौन में पुष्कर मुनि की 116वीं जयंती पर नवकार मंत्र जाप व गुणानुवाद सभा का आयोजन हुआ। श्रद्धालुओं ने मंत्रोच्चार से वातावरण को गुंजायमान किया।

नादौन।
श्री एस. एस. जैन सभा, नादौन में उपाध्याय पुष्कर मुनि की 116वीं जयंती पर जप गुणानुवाद सभा का आयोजन हुआ। इस अवसर पर श्रमण संघीय सलाहकार दिनेश मुनि, डॉ. दीपेंद्र मुनि व डॉ. पुष्पेंद्र मुनि महाराज ने श्रद्धालुओं को संबोधित किया।
सलाहकार दिनेश मुनि महाराज ने कहा कि पुष्कर मुनि नवकार मंत्र के परम आराधक थे। उनका जीवन निर्मल, शुद्ध और वात्सल्य भावों से परिपूर्ण था। उन्होंने जीवन में कभी अहंकार या उत्ताप को स्थान नहीं दिया और इसी कारण वे आज भी मानवता के मसीहा के रूप में याद किए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि पुष्कर मुनि का जीवन समुद्र की भाँति गहरा था। जैसे गहरे सरोवर में डुबकी लगाकर मोती मिलते हैं, वैसे ही उनके जीवन से ज्ञान रूपी मोती प्राप्त किए जा सकते हैं। संतों का जीवन गंभीर और गहन होता है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन का श्रृंगार कर सकता है।
मुनि महाराज ने बताया कि नवकार मंत्र साधकों को मोक्ष फल की सिद्धि प्रदान करने वाला अद्वितीय मंत्र है। यह चिंतामणि और कल्पवृक्ष से भी अधिक प्रभावशाली है, क्योंकि ये इस लोक की इच्छाएँ पूरी करते हैं जबकि नवकार मंत्र इस लोक और परलोक दोनों में सुख प्रदान करने में सक्षम है।
कार्यक्रम में एक घंटे तक चला नवकार महामंत्र जाप श्रद्धालुओं ने किया। पूरा परिसर “ऊँ पुष्कर नमो नमः” के मंत्रोच्चार से गुंजायमान हो उठा। समापन पर लड्डू का प्रसाद श्राविका रीटा देवी जैन परिवार द्वारा वितरित किया गया।
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