मुख्यमंत्री ने की बड़सर की अनदेखी, आवाज उठाई तो सदस्यता करवाई रद्द :लखनपाल

बड़सर विधानसभा उप चुनाव दिन प्रति दिन रोचक होता जा रहा है। यहां नामांकन के आखिरी दिन नाम वापिस न लेने की स्थिति में अब तीन उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।हालांकि मुकाबला कांग्रेस व भाजपा के बीच माना जा रहा  है लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी के विरोध मे बतौर आजाद उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे विशाल शर्मा कांग्रेस के समीकरणों को बिगाड़ सकते हैं।

May 19, 2024 - 06:32
 0  189
मुख्यमंत्री ने की बड़सर की अनदेखी, आवाज उठाई तो सदस्यता करवाई रद्द :लखनपाल
मुख्यमंत्री ने की बड़सर की अनदेखी, आवाज उठाई तो सदस्यता करवाई रद्द :लखनपाल

अनिल कपलेश। बड़सर

बड़सर विधानसभा उप चुनाव दिन प्रति दिन रोचक होता जा रहा है। यहां नामांकन के आखिरी दिन नाम वापिस न लेने की स्थिति में अब तीन उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।हालांकि मुकाबला कांग्रेस व भाजपा के बीच माना जा रहा  है लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी के विरोध मे बतौर आजाद उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे विशाल शर्मा कांग्रेस के समीकरणों को बिगाड़ सकते हैं।  पहले ही कांग्रेस से रुष्ट हुए इंद्र भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव में उतरे है तो वहीं कांग्रेस ने उनके सामने क्षेत्रवाद व राजपूत ट्रम्प कार्ड खेलते हुए सुभाष ढटवालिया को चुनाव में उतारा है।  बड़सर उपचुनाव लड़ रहे तीनों प्रत्याशीयों में से अभी तक भाजपा के इंद्रदत्त लखनपाल अपने चुनावी प्रचार में बढ़त बनाए हुए हैं।
 इंद्र बड़सर की 52 पंचायतों में दूसरी बार प्रचार अभियान शुरू कर चुके हैं, जबकि कांग्रेस अभी पहले चरण के चक़्कर मे ही उलझी दिखाई दे रही है।  इंद्र अपनी  राजनितिक कुशलता से कांग्रेस खेमे में सेंधमारी कर अब तक कई कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल कर चुके हैं और दिन प्रतिदिन कांग्रेस पार्टी व मुख्यमंत्री पर सियासी मंचों से पलटवार कर रहे हैं। बड़सर मे अपनी जीत को आश्वस्तु कर चुके इंद्र दत्त लखनपाल का चुनावी प्रचार रथ शनिवार को बड़सर की विभिन्न पंचायतों के डेढ़ दर्जन गाँवों तक पंहुचा, जहां उन्होंने नुक्कड़ सभाओं में भाग लिया। उनकी नुक्कड़ सभाओं में भाजपा कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी में रहते उनके मुरीद हुए कार्यकर्ता भी भारी संख्या में शामिल हो रहे हैं।  
नुक्कड़ सभाओं के दौरान इंद्रदत्त लखनपाल ने जनता के बीच बड़सर के विकास कार्यों को गिनाते हुए वोट की अपील की है वहीं मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू पर भी तीखे हमले किए हैं। लखनपाल ने इस दौरान कहा कि मुख्यमंत्री ने सरकार बनने के बाद 14 माह तक बड़सर की अनदेखी की है,  मुख्यमंत्री ने इस समय में न केवल बड़सर के विकास में अड़ंगा लगाया बल्कि अपनी बात रखने पर विधायकों को अपमानित व जलील भी किया।  उन्होंने कहा कि प्रदेश पर उप चुनावों का बोझ मुख्यमंत्री के तानाशाह रवैये के कारण पड़ा है।  उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सता में आने के लिए जनता से जो वायदे किए थे, कुर्सी मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने उन वायदों पर पानी फेरने का काम शुरू किया जिस पर विधायकों ने आपत्ति जताई तो उन्होंने विधायकों को ही जलील करना शुरू कर दिया। जब भी हम अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर गए तो मुख्यमंत्री ने आर्थिक तंगी का हवाला दिया लेकिन एक के बाद एक अपने मित्रों को सरकार के विभिन्न विभागों के पदों पर बैठाना शुरू कर दिया और जनता के पैसे को उनमें बांटा जा रहा है।  राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस ने उस बाहरी व्यक्ति को चुनाव में उतारा जिसने हिन्दुओं की आस्था के खिलाफ राम मंदिर का केस लड़ा।  हमने आपत्ति जताई लेकिन नहीं सुनी गई। हमने हिमाचल के हित को उठाने बाले प्रदेश के व्यक्ति के पक्ष में वोट किया लेकिन मुख्यमंत्री ने एक षड्यंत्र के तहत परिस्तिथियां पैदा करते हुए हमारी सदस्यता को रद्द करवा दिया।  हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा तो भाजपा ने सहारा दिया और आज भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।  लखनपाल बोले मैने जनता के प्यार व आशीर्वाद से तीन बार चुनाव जीता लेकिन सियासत को एक साइड कर बड़सर के हर क्षेत्र का विकास किया, भाजपा और कांग्रेस की राजनीति को खत्म कर क्षेत्र के हर नागरिक के काम किए हैं और कोरोना काल में हर व्यक्ति के घर पंहुचकर जो भी बन सका वो किया है।  उन्होंने कहा यह बड़सर की जनता का प्यार व आशीर्वाद है कि आप सभी मेरे एक बार बुलाने पर भारी संख्या में मुझे आशीर्वाद देने पंहुच रहे हैं।

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0