उड़ीसा में छात्रा ने किया आत्मदाह, सुंदरनगर में एनएसयूआई का जोरदार विरोध प्रदर्शन
उड़ीसा में छात्रा की आत्मदाह की घटना के विरोध में सुंदरनगर में एनएसयूआई ने उग्र प्रदर्शन किया और उड़ीसा के मुख्यमंत्री का पुतला जलाया। संगठन ने न्यायिक जांच, सख्त कार्रवाई और महिला सुरक्षा की मांग की।

सुंदर नगर, रोहित कौशल
उड़ीसा के बालासोर ज़िले में एक होनहार छात्रा द्वारा यौन और मानसिक उत्पीड़न से परेशान होकर आत्मदाह कर लेने की हृदयविदारक घटना ने पूरे देश को झकझोर करके रख दिया है। इस घटना के विरोध में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन एनएसयूआई जिला मंडी इकाई के कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष अनित जसवाल की अध्यक्षता में सुंदरनगर में विरोध प्रदर्शन किया व उड़ीसा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी का पुतला जलाया। एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष अनित जसवाल ने कहा कि यह घटना सिर्फ एक छात्रा की मौत नहीं, बल्कि यह ओडिशा की भाजपा सरकार और शिक्षा व्यवस्था की शर्मनाक असफलता को दर्शाती है।
पीड़िता ने कई बार कॉलेज प्रशासन और संबंधित अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई, लेकिन न तो उसकी बात सुनी गई और न ही आरोपी शिक्षक पर कोई ठोस कार्रवाई की गई। आखिरकार न्याय की उम्मीद छोड़कर उसने अपने शरीर को आग के हवाले कर दिया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई, जो इस व्यवस्था पर एक करारा तमाचा है। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई इस घटना की कड़ी निंदा करता है और इसे भाजपा सरकार की संवेदनहीनता व महिला विरोधी सोच का प्रतीक मानता है। संगठन की ओर से आज पूरे देश में, विशेष रूप से जिला स्तर पर महिला सुरक्षा और न्याय की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया। हमारी स्पष्ट मांग है कि इस पूरे मामले की सीबीआई या न्यायिक जांच करवाई जाए, आरोपी शिक्षक और लापरवाह कॉलेज प्रशासन पर सख्त कानूनी कार्रवाई हो, पीड़िता के परिवार को उचित मुआवज़ा और सरकारी सहायता दी जाए, और देशभर के सभी शैक्षणिक संस्थानों में महिला सुरक्षा के लिए एक ठोस निगरानी तंत्र स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई यह सवाल करती है कि जब बेटी बार-बार मदद की गुहार लगा रही थी, तब भाजपा सरकार क्या कर रही थी? क्या "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" सिर्फ एक दिखावटी नारा बनकर रह गया है? यदि आज भी सरकारें जवाबदेह नहीं हुईं, तो आने वाले समय में छात्राएं खुद को असुरक्षित महसूस करती रहेंगी और ऐसे हादसे बार-बार दोहराए जाएंगे।उन्होंने कहा कि एनएसयूआई यह स्पष्ट करती है कि वह हर उस बेटी की आवाज़ बनेगा जो अन्याय के खिलाफ संघर्ष कर रही है। यह आंदोलन सिर्फ आज का नहीं है, यह न्याय की लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक दोषियों को सज़ा और पीड़िता को न्याय नहीं मिल जाता।
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