बिना वेतन काम करने को मजबूर तकनीकी सहायक, सरकार से न्याय की मांग
हिमाचल प्रदेश के तकनीकी सहायक पिछले तीन-चार महीनों से बिना वेतन के कार्य करने को मजबूर हैं। संघ ने सरकार से एक समान वेतन और सुविधाएं देने की मांग की है।

रूहानी नरयाल। नादौन
तकनीकी सहायक संघ हिमाचल प्रदेश का कहना है कि इस वर्ग के कर्मचारी गत तीन चार महीनों से बिना वेतन कार्य करने पर मजबूर हैं।उनका कहना है कि वैसे तो जिला परिषद कैडर के कर्मचारी तकनीकी सहायक हैं परंतु मनरेगा मेटेरियल कॉमपोनेन्ट से उन्हें वेतन दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अन्य जिला परिषद कर्मचारियों को सभी वित्तीय लाभ दिए जा रहे हैं लेकिन कुछ तकनीकी सहायकों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।संघ की अध्यक्षा संजू देवी ने बताया कि मनरेगा मेटेरियल कॉमपोनेन्ट से वेतन मिलने के कारण कुछ तकनीकी सहायक ऐसे हैं जिन्हें नियमितीकरण, महंगाई भत्ता, अर्जित अवकाश, चिकित्सा लाभ, नए वेतन आयोग का लाभ, अवकाश नकदीकरण, एनपीएस में कटौती आदि लाभों से वंचित रखा गया है। जबकि मनरेगा मेटेरियल कॉमपोनेन्ट से वेतन मिलने के कारण कुछ तकनीकी सहायक लगभग तीन चार महीनों से बिना वेतन के कार्य करने को मजबूर हैं उनका कहना है कि बिना वेतन के अब तो स्थिति इतनी दयनीय हो चुकी है कि एक पंचायत से दूसरी पंचायत में आना-जाना भी मुश्किल हो गया है। बच्चों की फीस अदा कर पाना, रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा कर पाना, मकानों का किराया चुकाना अपने परिवारों का पालन पोषण करना बहुत मुश्किल हो चुका है। संघ ने सरकार और विभाग से अनुरोध किया है कि जैसे लाभ अन्य जिला परिषद कर्मचारियों को दिए जा रहे है अन्य बचे तकनीकी सहायकों को भी एक समान वेतन ओर एक समान लाभ दिए जाएं उन्होंने आग्रह किया है कि जो विसंगति कुछ तकनीकी सहायकों के साथ हो रही है उसे दूर किए जाने का प्रयास करने की कृपा करें।
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