क्या जयराम ठाकुर इतने कमजोर हो गए? जग्गी ने उठाए गंभीर सवाल
धर्मशाला में निजी घर पर हुई भाजपा नेताओं की बैठक पर कांग्रेस नेता देवेंद्र जग्गी ने सवाल उठाए। बोले, क्या जयराम ठाकुर इतने कमजोर हो गए हैं कि अपनी पार्टी लाइन तोड़नी पड़ी?
सुमन महाशा। कांगड़ा
धर्मशाला में बीते शुक्रवार भाजपा नेताओं की कथित गुप्त बैठक को लेकर प्रदेश की राजनीति में नया तूफ़ान खड़ा हो गया है। कांग्रेस नेता और धर्मशाला नगर निगम के पूर्व मेयर देवेंद्र जग्गी ने विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर पर तीखे सवाल दागे हैं।
"निजी घरों में बैठकर साजिश रचना लोकतंत्र का अपमान"
जग्गी ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कुछ भाजपा नेता धर्मशाला में एक ऐसे व्यक्ति के घर पर एकत्र हुए, जो हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुआ है, और वहां राज्य सरकार को अस्थिर करने की रणनीति बनाई गई।
उन्होंने इसे राजनीतिक अनुशासन और लोकतांत्रिक मर्यादाओं का उल्लंघन बताया।
“किसी के निजी घर में बैठकर सरकार को अस्थिर करने की साजिश रचना किसी जिम्मेदार विपक्ष की निशानी नहीं है।”
— देवेंद्र जग्गी, पूर्व मेयर धर्मशाला
"क्या जयराम ठाकुर इतने कमजोर हो गए?"
कांग्रेस नेता ने पूछा कि क्या विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर इतने कमजोर हो गए हैं कि उन्हें अब अपनी ही पार्टी लाइन तोड़कर गुप्त बैठकों में शामिल होना पड़ रहा है।
जग्गी ने कहा कि भाजपा के कई वरिष्ठ नेता भी इस कदम से असहमत हैं और इसे अनुशासनहीनता तथा अवसरवादिता का उदाहरण मान रहे हैं।
"सुधीर शर्मा क्या भाजपा के नए चाणक्य हैं?"
देवेंद्र जग्गी ने भाजपा में हाल ही में शामिल हुए सुधीर शर्मा पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि क्या सुधीर शर्मा अब भाजपा के चाणक्य बन गए हैं, जिनके घर में बैठकर सरकार के खिलाफ रणनीतियां रची जा रही हैं?
उन्होंने कहा कि यदि भाजपा जैसी राष्ट्रीय पार्टी में विपक्ष का नेता अपने शीर्ष नेतृत्व की जानकारी या सहमति के बिना ऐसी गतिविधियों में शामिल है, तो यह पार्टी के अंदरूनी अनुशासन और नेतृत्व की कमजोरी को दर्शाता है।
"कांग्रेस सरकार स्थिर और जनता के भरोसे पर कायम"
जग्गी ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार पूरी तरह मजबूत, स्थिर और जनता के भरोसे पर कार्यरत है।
सरकार का हर निर्णय जनता के हित में है, और राजनीतिक स्वार्थों से प्रेरित अफवाहों से प्रदेश की स्थिरता को नुकसान पहुंचाना लोकतंत्र के खिलाफ है।
"राजनीति में प्रतिस्पर्धा हो, षड्यंत्र नहीं"
जग्गी ने कहा कि राजनीति में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा लोकतंत्र के लिए आवश्यक है, लेकिन षड्यंत्र रचना और अस्थिरता फैलाना समाज और प्रदेश के हित में नहीं।
उन्होंने भाजपा से आग्रह किया कि वह अपनी अंदरूनी कलह को संगठन के भीतर सुलझाए, न कि प्रदेश की स्थिरता को दांव पर लगाए।
निष्कर्ष:
धर्मशाला की यह बैठक हिमाचल की राजनीति में नए समीकरणों की ओर इशारा कर रही है। अब देखना होगा कि भाजपा इस विवाद पर क्या रुख अपनाती है और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर इस आरोपों का क्या जवाब देते हैं।
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