5 दिसंबर को मनाया जाएगा यह पर्व
हर वर्ष मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती के रूप में मनाई जाती है।

ब्यूरो। रोजाना हिमाचल
हर वर्ष मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती के रूप में मनाई जाती है। इस वर्ष 5 दिसंबर को यह पर्व मनाया जाएगा। सनातन शास्त्रों के अनुसार, अंधकासुर के वध हेतु भगवान शिव ने काल भैरव का अवतार धारण किया था। पंडितों के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मध्यान के समय में भगवान शिव ने काल भैरव देव का रूप धारण किया था। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव देव की पूजा करने से साधक के जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख, संकट, रोग, भय, काल और कष्ट दूर हो जाते हैं। इस पर्व पर साधक श्रद्धा भाव से काल भैरव देव की पूजा करते हैं। इस दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व है।
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