ज्ञानरूपा पत्रिका का पाँचवां संस्करण हुआ जारी, विद्यार्थियों की प्रतिभा को मिला मंच
अटल बिहारी वाजपेयी राजकीय महाविद्यालय तकीपुर में वार्षिक पत्रिका 'ज्ञानरूपा' के पाँचवें संस्करण का लोकार्पण हुआ। पूर्व प्राध्यापक डॉ. भगवान दास और प्राचार्य डॉ. रविन्द्र सिंह गिल ने छात्रों की रचनात्मकता की सराहना की।

सुमन महाशा। कांगड़ा
अटल बिहारी वाजपेयी राजकीय महाविद्यालय तकीपुर में वार्षिक पत्रिका “ज्ञानरूपा” के पाँचवें संस्करण का लोकार्पण समारोह बड़ी गरिमा के साथ आयोजित हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व प्राध्यापक डॉ. भगवान दास रहे, जिन्होंने पत्रिका का विमोचन कर छात्रों और संपादकीय टीम के प्रयासों की सराहना की।
“ज्ञानरूपा छात्रों की रचनात्मकता का आईना” — डॉ. भगवान दास
डॉ. भगवान दास ने कहा कि ज्ञानरूपा केवल एक पत्रिका नहीं, बल्कि विद्यार्थियों की कल्पनाशीलता और विचारों की अभिव्यक्ति का माध्यम है। उन्होंने प्राचार्य डॉ. रविन्द्र सिंह गिल और संपादकीय मंडल को उत्कृष्ट प्रकाशन कार्य के लिए बधाई दी।
विशिष्ट अतिथि डॉ. अश्विनी कुमार ने दी शुभकामनाएँ
कार्यक्रम में डॉ. अश्विनी कुमार ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने कहा कि ऐसी रचनात्मक पहलें छात्रों में साहित्यिक व बौद्धिक चेतना को प्रोत्साहित करती हैं और उन्हें समाज में सार्थक योगदान देने के लिए प्रेरित करती हैं।
“मेहमान अनुभाग” बना आकर्षण का केंद्र
इस वर्ष की पत्रिका में आसपास के विद्यालयों के छात्र-छात्राओं की रचनाओं को भी शामिल किया गया है। “मेहमान अनुभाग” के माध्यम से बाहरी विद्यार्थियों को भी अपनी रचनात्मकता प्रदर्शित करने का अवसर दिया गया, जिसे विशेष रूप से सराहा गया।
प्राचार्य ने दी संपादकीय टीम को बधाई
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रविन्द्र सिंह गिल ने पत्रिका के प्रमुख संपादक प्रो. अमन वालिया और सभी संपादकों व छात्र संपादकों को बधाई देते हुए कहा कि ज्ञानरूपा अपने लेखन के माध्यम से कॉलेज की समृद्ध पहचान को और सशक्त बनाएगी।
समारोह में उपस्थित रहे
इस अवसर पर प्रो. अजय चौधरी, प्रो. सुरेश कुमार, डॉ. प्रीति वाला, प्रो. मेधा शर्मा, प्रो. साहिल, डॉ. सुनील तथा कार्यालय अधीक्षक गुरदेव सिंह भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन सामूहिक फोटो और धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
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