किश्तवाड़ मॉडल पर बनेगी आधुनिक हेचरी, शाहपुर में बढ़ेंगी नौकरियां
केवल सिंह पठानिया ने बताया कि किश्तवाड़ मॉडल पर शाहपुर में आधुनिक हेचरी विकसित की जाएगी। इससे युवाओं को स्वरोजगार, मत्स्य पालन और आर्थिक मजबूती मिलेगी।
विशाल वर्मा। शाहपुर
हिमाचल प्रदेश में मत्स्य पालन को नई दिशा देने की तैयारी तेज हो गई है। शाहपुर के विधायक एवं उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने घोषणा की है कि प्रदेश में अब किश्तवाड़ मॉडल की तर्ज पर आधुनिक हेचरी विकसित की जाएंगी। इससे युवाओं को बड़े पैमाने पर स्थानीय रोजगार और स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे।
किश्तवाड़ दौरे से मिली प्रेरणा
विधायक ने बताया कि हाल ही में उन्होंने किश्तवाड़ (जम्मू-कश्मीर) का दौरा किया, जहां मुगल मैदान स्थित अत्याधुनिक हेचरी का निरीक्षण किया। वहां की व्यवस्थाओं, तकनीक और कार्यप्रणाली का विस्तृत अध्ययन करने के बाद उन्होंने निर्णय लिया कि हिमाचल में भी इसी मॉडल को लागू किया जाएगा।
धारकण्डी बनेगा ट्राउट हब
केवल सिंह पठानिया ने जानकारी दी कि
धारकण्डी क्षेत्र को ट्राउट हब के रूप में विकसित किया जा रहा है।
इसके लिए मुख्यमंत्री द्वारा 3.30 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है।
इस राशि से क्षेत्र में कई गतिविधियों को गति मिलेगी, जिनमें शामिल हैं—
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नई ट्राउट हेचरियों का निर्माण
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आधुनिक तकनीक का उपयोग
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स्थानीय युवाओं का प्रशिक्षण
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उत्पादन क्षमता में वृद्धि
मत्स्य पालन से बढ़ेगी स्थानीय अर्थव्यवस्था
विधायक ने कहा कि नई हेचरियों के विकसित होने से क्षेत्र में मत्स्य पालन को मजबूती मिलेगी।
इसका सीधा फायदा—
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उत्पादकता में बढ़ोतरी
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युवाओं के लिए रोजगार
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स्वरोजगार के नए अवसर
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स्थानीय बाजारों में आर्थिक गतिविधि बढ़ने
के रूप में नजर आएगा।
उन्होंने कहा कि यह पहल युवा पीढ़ी को आत्मनिर्भर बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है।
निष्कर्ष
किश्तवाड़ मॉडल पर आधारित हेचरियों का विकास न केवल तकनीकी स्तर पर प्रदेश को आगे बढ़ाएगा बल्कि युवाओं को स्थायी आजीविका का साधन भी उपलब्ध करवाएगा। शाहपुर में ट्राउट हब का निर्माण इस बदलाव की मजबूत शुरुआत माना जा रहा है।
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