"हिमाचल का वो स्वाद, जो सिर्फ पहाड़ों में ही मिलता है''
हिमाचल की मशहूर डिश बब्रू कचौरी जैसी दिखती है लेकिन इसमें भरी होती है काले चने की लाजवाब भराई, जो इसे खास बनाती है।

हिमाचल प्रदेश की रसोई अपने अनोखे स्वाद और परंपराओं के लिए जानी जाती है। यहां के हर व्यंजन में पहाड़ों की खुशबू और देसीपन का स्वाद मिलता है। इन्हीं व्यंजनों में एक खास डिश भी है, जो दिखने में तो कचौरी जैसी लगती है, लेकिन इसके भीतर छुपा है काले चने का लाजवाब जादू।
कहा जाता है कि यह व्यंजन शिमला और सोलन क्षेत्रों में खासतौर पर लोकप्रिय है। इसे बनाने के लिए आटे में मसालेदार काले चने की भराई भरी जाती है और फिर धीमी आंच पर सुनहरा होने तक तला जाता है। बाहर से कुरकुरी और अंदर से मसालेदार यह डिश स्थानीय लोगों की सुबह की चाय के साथ सबसे पसंदीदा मानी जाती है।
यूं तो देखने में यह उत्तर भारत की कचौरी जैसी लगती है, लेकिन इसके स्वाद में पहाड़ों की एक अलग ही छाप है। अक्सर इसे इमली या टमाटर की चटनी के साथ परोसा जाता है। यही कारण है कि सैलानी जब भी हिमाचल की यात्रा पर आते हैं, तो इस अनोखे जायके को ज़रूर चखते हैं।
पारंपरिक आयोजनों, मेलों और त्यौहारों में भी यह व्यंजन परोसा जाता है। इसकी लोकप्रियता इस बात से भी समझी जा सकती है कि यह डिश अब धीरे-धीरे शहरी होटलों और कैफे की मेन्यू में भी जगह बनाने लगी है।
🥟 बनाने की विधि
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आटा तैयार करें
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2 कप मैदा/गेहूं का आटा लें, उसमें नमक और 2 चम्मच तेल डालें।
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पानी डालकर मुलायम आटा गूँथें और 15 मिनट ढककर रख दें।
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भरावन बनाएँ
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1 कप काले चने को रातभर भिगोकर उबाल लें और हल्का मैश कर लें।
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कढ़ाई में तेल गरम करें, जीरा, हींग, अदरक और हरी मिर्च भूनें।
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उसमें मैश किए चने डालें और मसाले (धनिया पाउडर, लाल मिर्च, गरम मसाला, अमचूर, नमक) मिलाकर 5 मिनट पकाएँ।
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तैयार मिश्रण को ठंडा कर लें।
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लोई भरें और बेलें
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आटे की लोई बनाकर उसमें भरावन भरें।
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किनारों को सील करें और हल्के हाथ से बेलकर गोल आकार दें।
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तलें और परोसें
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कढ़ाई में तेल गरम करें और मध्यम आँच पर इन्हें सुनहरा-भूरा होने तक तलें।
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गरमा-गरम इमली या टमाटर की चटनी के साथ परोसें।
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