टांडा मेडिकल कॉलेज में पहली बार दुर्लभ कंधा सर्जरी सफल
टांडा स्थित RPGMC ने हिमाचल में पहली बार स्प्रेंगेल्स शोल्डर डिफॉर्मिटी की जटिल सुधारात्मक सर्जरी सफलतापूर्वक की। टीमवर्क और आधुनिक तकनीक का अनोखा उदाहरण।
सुमन महाशा। कांगड़ा
टांडा: डॉ. राजेंद्र प्रसाद सरकारी मेडिकल कॉलेज (RPGMC) टांडा ने हिमाचल प्रदेश में चिकित्सा क्षेत्र का एक बड़ा कीर्तिमान स्थापित किया है। संस्थान ने राज्य में पहली बार स्प्रेंगेल्स शोल्डर डिफॉर्मिटी की जटिल सुधारात्मक सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
दुर्लभ बीमारी, जटिल सर्जरी – मरीजों के लिए नई उम्मीद
स्प्रेंगेल्स शोल्डर डिफॉर्मिटी एक जन्मजात विकार है, जिसमें मरीज का एक कंधा असामान्य रूप से ऊंचा होता है। यह स्थिति न केवल शरीर के संतुलन को प्रभावित करती है, बल्कि जीवनभर शारीरिक गतिविधियों पर भी असर डालती है।
इस जटिल ऑपरेशन का नेतृत्व ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. आयुष शर्मा (MCh, PGIMER चंडीगढ़) ने किया। उनकी टीम ने अत्याधुनिक तकनीक और सटीकता के साथ इस कठिन सर्जरी को अंजाम दिया।
सर्जरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली टीमें
इस ऑपरेशन में एनेस्थीसिया टीम का योगदान भी बेहद अहम रहा।
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डॉ. शेली राणा
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डॉ. भानु
दोनों की टीम ने ऑपरेशन के दौरान मरीज की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित की।
संस्थान को मिली बड़ी उपलब्धि
ऑपरेशन के बाद डॉ. आयुष शर्मा ने कहा—
“यह सफलता टीमवर्क और संस्थान के मजबूत सपोर्ट सिस्टम की देन है। हमारे HOD प्रो. विपिन शर्मा और प्रिंसिपल प्रो. मिलाप शर्मा के मार्गदर्शन ने इसे संभव बनाया।”
इस उपलब्धि ने RPGMC टांडा को प्रदेश के अग्रणी चिकित्सा संस्थानों की सूची में और भी मजबूती से स्थापित किया है, जहाँ अब जटिल सर्जरी के लिए मरीजों को बाहर जाने की जरूरत नहीं रह गई।
स्थानीय मरीजों को मिलेगा विश्वस्तरीय इलाज
इस सफलता से उन परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी, जिन्हें कठिन सर्जरी के लिए चंडीगढ़ या दिल्ली जाना पड़ता था। अब RPGMC टांडा में ही विश्वस्तरीय सुपरस्पेशलिटी सेवाएँ उपलब्ध होंगी।
निष्कर्ष
टांडा मेडिकल कॉलेज की यह उपलब्धि हिमाचल में स्वास्थ्य सेवाओं के बढ़ते स्तर का प्रमाण है। यह सिर्फ एक सर्जरी नहीं, बल्कि प्रदेश के चिकित्सा भविष्य के लिए एक बड़ा कदम है।
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