पहली जून से नाग मंदिर करियाड़ा में श्रीशिव महापुराण कथा महोत्सव का होगा आयोजन

करियाड़ा के नाग मंदिर में 1 जून से शुरू हुई श्रीशिव महापुराण कथा में श्रद्धेय स्वामी अतुल कृष्ण महाराज ने जीवन, सत्य और परमात्मा की गूढ़ व्याख्या की। कथा का आयोजन प्रतिदिन दोपहर 2 से 5 बजे तक होगा।

May 24, 2025 - 20:48
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पहली जून से नाग मंदिर करियाड़ा में श्रीशिव महापुराण कथा महोत्सव का होगा आयोजन

सुमन महाशा। कांगड़ा
           
सत्य हमारी मान्यता से प्रभावित नहीं होता, सत्य अपनी जगह एवं स्वतंत्र है। हमारी मान्यता गलत होगी तो हम गलत और अंधेरे में भटकते रहेंगे।  हमारा बोध स्पष्ट होगा तो हम सत्य के निकट पहुंच जाएंगे।  सत्य हमारी मान्यता से प्रभावित तो नहीं होता लेकिन हमारी मान्यता हमको प्रभावित कर देती है और अंधेरे में धकेल देती है।

उक्त अमृतवचन श्रीशिव महापुराण कथा महोत्सव के प्रथम दिवस में परम श्रद्धेय स्वामी अतुल कृष्ण महाराज ने नाग मंदिर, रक्कड़ में व्यक्त किए. उन्होंने कहा कि जो परमात्मा को खोजता है, वह उसे पा लेता है।  जो दूसरों के पीछे चलता है वह तो खुद पर ही नहीं पहुंच पाता, परमात्मा पर पहुंचना तो बहुत दूर है।  सत्य मान्यता नहीं है।  सत्य अनुगमन नहीं है सत्य है स्वयं की खोज। सत्य है विवेक और विचार। सत्य है अनुसंधान, मुक्त और स्वतंत्र। उस परमात्मा को जो सब तरफ उपलब्ध है, उसे जिज्ञासु होकर पाया जा सकता है। हजारों वर्षों तक पश्चिम के लोग समझते रहे कि सूर्य पृथ्वी का चक्कर लगाता है। जिस व्यक्ति ने पहली बार कहा कि सूर्य पृथ्वी का चक्कर नहीं लगाता, पृथ्वी ही सूर्य का चक्कर लगाती है, तो बहुत परेशानी खड़ी हो गई। लोगों ने कहा यह नहीं हो सकता, यह कभी नहीं हो सकता। हजारों साल तक लोग नासमझी की बात मानते रहे। हम रोज अपनी आंखों से देखते हैं कि सूरज डूबता है, उगता है। परंतु जैसे-जैसे पश्चिम के लोगों की समझ बढ़ी, उन्होंने जाना कि नहीं, पृथ्वी ही चक्कर लगाती है सूरज के, सूरज नहीं लगाता। सूरज तब भी चक्कर नहीं लगाता था जब वे मानते थे कि चक्कर लगाता था, अब भी नहीं लगाता है।

अतुल कृष्ण जी महाराज ने कहा कि भक्त भी रोता है और आसक्त भी रोता है, मगर दोनों में भेद है। वासनाग्रस्त भी नाचता है और प्रभु के प्रेम में डूबा हुआ भी नृत्य करता है। वासना का भी नशा है और प्रार्थना का भी नशा है, पर दोनों में भेद है। परमात्मा के साथ हमारा अगर कोई भी संबंध हो सकता है, तो प्रेम का ही हो सकता है।  जो परमात्मा से हारेगा, वह जीत जाता है, जो उससे लड़ेगा वह हार जाता है। आज कथा में शिव तत्व का निरूपण, शिव महापुराण की महिमा, शिवलिंग के प्रकार एवं प्रयागराज में मुनियों के समागम का प्रसंग लोगों ने अत्यंत श्रद्धा से सुना। इस अवसर पर प्रमुख रूप से सर्वश्री सुरेश शर्मा, अमित शर्मा, अरविंद शर्मा, नरेश शर्मा, राकेश शर्मा, अनिल, विजय, सुधीर, अमित कुमार शर्मा, विशाल शर्मा, अश्विनी शर्मा, विनोद शर्मा, ईशान शर्मा, ईशांत शर्मा, राज शर्मा, हरि कृष्णा शर्मा, अनुराधा शर्मा, बबली शर्मा, अनु शर्मा, कमला देवी, मीना देवी, पूजा देवी, पूनम, सोनू , अलका, श्यामा, इंदु शर्मा, अनु शर्मा, पूनम, प्रिया शर्मा, स्नेह लता, स्वर्णा देवी, विमला देवी, सुदेश कुमारी, केसरी देवी, शारदा देवी, विनीता शर्मा, शालू शर्मा, नीता शर्मा, प्रवीण शर्मा, सोनिका, पारुल शर्मा, प्रिया, दिशा, निर्मला शर्मा इत्यादि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। कथा से पूर्व नाग मंदिर, रक्कड़ से कालीनाथ कालेश्वर महादेव तक कलश यात्रा भी निकाली गई जो भगवान  श्रीनरसिंह मंदिर एवं स्वस्थानी माता मंदिर होते हुए वापस लौटी।  शिव महापुराण कथा 1 जून तक प्रतिदिन 2 से 5 बजे तक जारी रहेगी।

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