गेयटी थियेटर में राज्य स्तरीय पहाड़ी दिवस का किया जा रहा है आयोजन, तीन दिन तक चलेगा कार्यक्रम
भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक डॉ. पंकज ललित ने बताया कि शिमला के गेयटी थियेटर में भाषा एवं संस्कृति विभाग 30 अक्तूबर से 1 नवंबर तक तीन दिवसीय राज्य स्तरीय पहाड़ी दिवस का आयोजन कर रहा है।

ब्यूरो। रोज़ाना हिमाचल
भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक डॉ. पंकज ललित ने बताया कि शिमला के गेयटी थियेटर में भाषा एवं संस्कृति विभाग 30 अक्तूबर से 1 नवंबर तक तीन दिवसीय राज्य स्तरीय पहाड़ी दिवस का आयोजन कर रहा है। उन्होंने बताया कि सन 1966 ई. को पंजाब राज्य पुनर्गठन पर उन पहाड़ी क्षेत्राें को हिमाचल प्रदेश को साथ मिला, जिनका भौगोलिक वातावरण, रहन-सहन व बोलियां हिमाचल प्रदेश के साथ मिलती-जुलती थीं। उन्होंने बताया कि पंजाब से हिमाचल में कांगड़ा, कुल्लू और लाहौल-स्पीति जिला अस्तित्व में आए। इसी परिप्रेक्ष्य में विभाग प्रति वर्ष 1 नवंबर को पहाड़ी दिवस मनाता है जिसमें पहाड़ी बोलियाें, लोक साहित्य व लोक संस्कृति को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न कार्यक्रमाें का आयोजन किया जाता है।
उन्होंने आगे बताया कि 31 नवंबर को सुबह साढ़े 11 बजे गेयटी थियेटर के सम्मेलन कक्ष में लेखक गोष्ठी होगी जिसमें मुख्यातिथि के रूप में विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पद्मश्री विद्यानांद सरैक करेंगे। डॉ. ओपी शर्मा पहाडी भाषा की संवर्द्धक हिमाचली बोलियां विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे। उसके बाद प्रदेशभर से लगभग दो दर्जन से ऊपर के पहाड़ी भाषी आमंत्रित विद्वानाें और समीक्षकाें की ओर से शोध पत्र पर परिचर्चा की जाएगी।
1 नवंबर को राज्य स्तरीय पहाड़ी कवि सम्मेलन होगा जिसमें जिला शिमला के उपायुक्त आदित्य नेगी मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित हाेंगे और कवि सम्मेलन में प्रदेशभर से लगभग 40-50 पहाड़ी भाषी विद्वान अपनी कविताएं पहाड़ी बोली में प्रस्तुत करेंगे
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