50 साल बाद छात्रों ने अपनी शिक्षिका को किया सम्मानित
नादौन के कोहला में 75 वर्षीय सेवानिवृत्त शिक्षिका कौशल्या देवी को उनके 50 साल पुराने छात्रों ने सम्मानित किया। इस अवसर पर पुरानी यादों ने सबको भावुक कर दिया।
ब्यूरो रिपोर्ट, नादौन।
गुरू-शिष्य परंपरा की मिसाल पेश करते हुए नादौन के कोहला गांव में एक भावुक दृश्य देखने को मिला, जब लगभग 50 साल पुराने छात्रों ने अपनी शिक्षिका कौशल्या देवी को सम्मानित किया।
75 वर्षीय सेवानिवृत्त अध्यापिका को उनके शिष्यों ने शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
1976 की पहली कक्षा के छात्रों ने किया आयोजन
यह समारोह वर्ष 1976 में पहली कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों द्वारा आयोजित किया गया।
आयोजकों में सतीश अत्री (पूर्व उप प्रधान कोहला), सूबेदार रवि मेहता, पंडित प्रदीप शास्त्री, सुनील कुमार महंत, दीपक कुमार डीपी, संदीप बबलू चौधरी, विपिन कुमार चाहंगी, विपिन कुमार फोरमैन, अशोक चौधरी, प्रदीप स्याल और विपिन धीमान सहित कई पूर्व छात्र शामिल रहे।
उन्होंने बताया कि 1976 से 1982 तक वे कौशल्या देवी के पास पांचवीं कक्षा तक पढ़े, और आज उनमें से कई सरकारी पदों पर कार्यरत हैं, जबकि कुछ सफल व्यवसायी और समाजसेवी बन चुके हैं।
“गौरव का क्षण है” — कौशल्या देवी
सम्मान पाकर भावुक हुईं शिक्षिका कौशल्या देवी ने कहा कि यह दिन उनके जीवन का सबसे गौरवपूर्ण क्षण है।
उन्होंने अपने विद्यार्थियों को देखकर पुराने दिनों को याद किया और कहा,
“शिक्षक का असली सम्मान तभी होता है जब उसके विद्यार्थी समाज में अच्छा कार्य करते हैं।”
शिक्षा की मजबूत नींव से बदला क्षेत्र का चेहरा
पूर्व प्रधान सतीश अत्री ने बताया कि वर्ष 1976 में तीन पंचायतों के करीब 40 बच्चे एक ही स्कूल में पढ़ते थे,
लेकिन आज उसी क्षेत्र में खोहर, डोडण, कलूर, मझियार और चौकी सहित पांच स्कूल हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन उस शिक्षा की नींव का परिणाम है जो उनके जैसे शिक्षकों ने रखी थी।
निष्कर्ष
यह आयोजन न केवल एक सम्मान समारोह था, बल्कि उस अटूट गुरू-शिष्य संबंध की जीवंत मिसाल भी था,
जो समय बीतने के बाद भी सम्मान और स्नेह के बंधन में बंधा हुआ है।
What's Your Reaction?
Like
0
Dislike
0
Love
0
Funny
0
Angry
0
Sad
0
Wow
0