राजकीय महाविद्यालय तकीपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना के सप्त दिवसीय विशिष्ट शिविर का शुभारंभ

राजकीय महाविद्यालय तकीपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) इकाई के सप्त दिवसीय विशिष्ट शिविर का शुभारंभ 25 दिसंबर 2024 को किया गया।

Dec 26, 2024 - 21:39
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राजकीय महाविद्यालय तकीपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना के सप्त दिवसीय विशिष्ट शिविर का शुभारंभ
राजकीय महाविद्यालय तकीपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना के सप्त दिवसीय विशिष्ट शिविर का शुभारंभ

सुमन महाशा। कांगड़ा

राजकीय महाविद्यालय तकीपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) इकाई के सप्त दिवसीय विशिष्ट शिविर का शुभारंभ 25 दिसंबर 2024 को किया गया। इस शिविर में कुल 75 स्वयंसेवी भाग ले रहे हैं, जिनमें 61 लड़कियां और 14 लड़के शामिल हैं। यह शिविर 25 दिसंबर से 31 दिसंबर 2024 तक आयोजित होगा।  

शिविर के शुभारंभ अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या, डॉ. आर. एस. गिल, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे । उन्होंने माता सरस्वती के चरणों में दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी, प्रो. लेख राज ठाकुर ने मुख्य अतिथि, शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों का अभिनंदन करते हुए शिविर की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि इस शिविर का मुख्य विषय "ग्रीन तकीपुर, क्लीन तकीपुर" है, जिसके अंतर्गत गोद लिए गए तकीपुर गांव में सामाजिक गतिविधियां, स्वच्छता अभियान और प्राकृतिक जल स्रोतों की मरम्मत जैसे कार्य किए जाएंगे।  

मुख्य अतिथि डॉ. आर. एस. गिल ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए निस्वार्थ सेवा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि समाजहित में निस्वार्थ भाव से किया गया कार्य ही सच्ची सेवा है। सेवा का अर्थ लाभ और स्वार्थ से परे समाज की भलाई के लिए योगदान देना है।

इस अवसर पर डॉ. प्रीति बाला ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में प्रोफेसर डॉ. भगवानदास, डॉ. अश्वनी, प्रो. अमन वलिया, डॉ. सुनील, प्रो. मेधा, प्रो. साहिल, श्री जनक राज, और मनीष सहित अन्य शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित रहे।  

शिविर के दूसरे दिन करियर गाइडेंस पर एक शैक्षणिक सत्र आयोजित किया गया, जिसमें डॉ. भगवानदास ने छात्रों को मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने करियर काउंसलिंग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति की विशिष्ट प्रतिभा और जुनून को पहचानने में एक संरक्षक या परामर्शदाता की भूमिका अहम होती है।  

शैक्षणिक सत्र के बाद स्वयंसेवकों ने महाविद्यालय परिसर की सफाई में भाग लिया। इसके साथ ही, रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए।

शिविर की गतिविधियों ने समाज सेवा, स्वच्छता और करियर मार्गदर्शन के माध्यम से सकारात्मक बदलाव की दिशा में महाविद्यालय के प्रयासों को दर्शाया।

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