एमसीएम डीएवी कॉलेज में दशहरा पर वाद-विवाद
एमसीएम डीएवी कॉलेज कांगड़ा के संस्कृत विभाग में दशहरा पर्व की पूर्व संध्या पर वाद-विवाद प्रतियोगिता, छात्रों ने रामायण पर अपने विचार रखे।

सुमन महाशा। कांगड़ा
कांगड़ा स्थित एमसीएम डीएवी कॉलेज के संस्कृत विभाग में दशहरा पर्व की पूर्व संध्या पर वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की गई।
इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने रामायण से संबंधित विभिन्न विषयों पर अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए। सभी प्रतिभागियों ने धर्म, न्याय, अच्छाई और बुराई से जुड़े मुद्दों पर तर्क प्रस्तुत कर दर्शकों को प्रभावित किया।
“अच्छाई की जीत निश्चित है” – डॉ. अरुणदीप शर्मा
संस्कृत विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अरुणदीप शर्मा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि दशहरा अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है।
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यह त्यौहार हमें सिखाता है कि चाहे बुराई कितनी भी ताकतवर क्यों न हो, जीत हमेशा अच्छाई की ही होती है।
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दशहरा हमें अपने भीतर के अहंकार, क्रोध, ईर्ष्या जैसी नकारात्मकताओं को त्यागने और सद्गुणों को अपनाने की प्रेरणा देता है।
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यह पर्व भगवान श्रीराम की विजय और धर्म-न्याय की स्थापना का संदेश देता है।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
डॉ. शर्मा ने बताया कि यह पर्व नवरात्रि के नौ दिवसीय उत्सव के समापन के बाद दसवें दिन मनाया जाता है।
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इसे भगवान राम द्वारा रावण वध और देवी दुर्गा द्वारा महिषासुर मर्दन की स्मृति में मनाया जाता है।
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दशहरा का संदेश है – “सत्य और धर्म की सदैव विजय होती है।”
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