सरकार पर भड़के पेंशनर, बोले — 3% डीए किसी सूरत में मंजूर नहीं
भारतीय राज्य पेंशनर महासंघ जिला कांगड़ा ने सरकार पर लंबित वित्तीय देनदारियां रोकने और मात्र 3% डीए देने के निर्णय पर कड़ा विरोध जताया।
सुमन महाशा। कांगड़ा
भारतीय राज्य पेंशनर महासंघ जिला कांगड़ा के अध्यक्ष एवं एचआरटीसी सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष श्री बलराम पुरी ने कार्यकारिणी की बैठक में सरकार पर कर्मचारियों और पेंशनरों की लंबित वित्तीय देनदारियों को लेकर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया।
🔹 सरकार पर टालमटोल का आरोप
पुरी ने कहा कि सरकार द्वारा घोषित 3% डीए वृद्धि को पेंशनर किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने मांग की कि लंबित 4% डीए किश्त की अधिसूचना तुरंत जारी की जाए। उनका कहना था कि सरकार 3% की आड़ में पिछले चार-चार प्रतिशत की किश्तों को समाप्त करने का प्रयास कर रही है, जो पेंशनरों के अधिकारों का हनन है।
🔹 लंबित ग्रेच्युटी और एरियर की मांग
पुरी ने बताया कि वर्ष 2016 से जनवरी 2022 के बीच सेवानिवृत्त हुए करीब 42 हजार पेंशनरों को अभी तक उनके ग्रेच्युटी, कम्यूटेशन, लीव इन्कैशमेंट, संशोधित पेंशन एरियर और चिकित्सा बिलों का भुगतान नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार जहां विधायकों और अधिकारियों के वेतन वृद्धि पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, वहीं पेंशनरों की देनदारियों पर आर्थिक आपदा का हवाला देना दुर्भाग्यपूर्ण है।
🔹 पेंशन व्यवस्था में असमानता पर चिंता
उन्होंने कहा कि परिवहन, कॉरपोरेट और बिजली विभाग के कई कर्मचारी आज तक ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) के दायरे में नहीं आ सके हैं। इससे सरकार और कर्मचारियों के बीच अविश्वास की खाई गहराती जा रही है।
🔹 संघर्ष की चेतावनी
पुरी ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने समय रहते पेंशनरों के मुद्दों पर संवाद और समाधान नहीं किया तो आने वाले समय में संघर्ष और तीव्र होगा। उन्होंने कहा कि सभी संगठनों के पास अनुभवी अधिकारी हैं जो सरकार को उचित सुझाव देने को तैयार हैं, लेकिन सरकार संवाद से बच रही है।
🗣️ बैठक में उपस्थित रहे
इस अवसर पर महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष श्री ब्रह्मानंद, अतिरिक्त सचिव सुभाष पठानिया, सुधीर, किशोरी लाल, देव प्रकाश, अश्विनी बत्रा, गुरबंश सपहिया, निर्मल धीमान, एन.डी. चौधरी, आर.के. धीमान, राय सिंह, तिलक सनियाल और बृज लाल सहित कई सदस्य उपस्थित रहे।
✍️ निष्कर्ष
पेंशनर महासंघ ने सरकार से मांग की है कि वह पेंशनरों के वित्तीय अधिकारों का सम्मान करते हुए लंबित भुगतान शीघ्र जारी करे, अन्यथा प्रदेशव्यापी आंदोलन के लिए सभी संगठन तैयार हैं।
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