लालू परिवार में फूट! तेज प्रताप यादव बोले- “RJD में लौटने से अच्छा है मर जाना”
तेज प्रताप यादव ने 24 अक्टूबर को बयान दिया—“राजद में लौटने से अच्छा है मर जाना।” RJD से निष्कासन, नई पार्टी व परिवारिक विवाद के चलते बिहार चुनाव में हलचल।
बिहार की राजनीति ऐन चुनाव से पहले गरमाई हुई है। लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने साफ कह दिया है—"राजद में लौटने से अच्छा है मर जाना, पावर का भूखा नहीं हूं।" यह विवाद 24 अक्टूबर को तेज प्रताप के सख्त बयान के बाद और भी बढ़ गया है।
तेज प्रताप बनाम RJD—क्या है विवाद की जड़?
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जनवरी 2025 में तेज प्रताप को RJD से 6 साल के लिए निष्कासित किया गया था।
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निष्कासन के बाद तेज प्रताप ने खुद की पार्टी Janshakti Janta Dal (JJD) बनाई।
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बिहार चुनाव में वे महुआ सीट से अपनी नई पार्टी के टिकट पर उतरे हैं।
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तेजस्वी यादव को CM चेहरा बनाए जाने के बाद पारिवारिक तनाव और बढ़ा।
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तेज प्रताप ने तेजस्वी, मिशा समेत परिवार को सोशल मीडिया पर अनफॉलो कर दिया।
महागठबंधन में हलचल
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RJD सहित महागठबंधन के भीतर टिकट बंटवारे, सीट शेयरिंग और नेतृत्व को लेकर भारी असंतोष।
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छोटे दल तेज प्रताप से गठजोड़ की कोशिश में जुटे, पर समझौता नहीं।
चुनावी गणित पर असर
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तेज प्रताप की पार्टी RJD के वोट काट सकती है—NDA को अप्रत्यक्ष लाभ।
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पाटलीपुत्र की गाड़ी इस बार नई करवट ले सकती है।
जनता और पार्टी कैडर में मायूसी/जिज्ञासा
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कई पुराने समर्थक दो गुटों में बंट गए।
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वोटर्स के मन में सवाल—"क्या परिवार टूटने से बिहार का भविष्य बदलेगा?"
निष्कर्ष
तेज प्रताप का बयान न सिर्फ RJD बल्कि पूरे बिहार चुनावी समीकरण पर असर डाल सकता है। महागठबंधन की राजनीति और पारिवारिक खींचतान बिहार की राजनीति में चर्चा का विषय है।
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