भारत में अफगानिस्तान का दूतावास बंद करने का फैसला
अफगानिस्तान ने घोषणा कि उसने नई दिल्ली में स्थित अपने दूतावास को स्थायी रूप से बंद कर दिया है।

ब्यूरो। रोजाना हिमाचल
अफगानिस्तान ने घोषणा कि उसने नई दिल्ली में स्थित अपने दूतावास को स्थायी रूप से बंद कर दिया है। जानकारी के अनुसार अफगानिस्तान के डिप्लोमैटिक मिशन बयान में कहा गया है कि नई दिल्ली में दूतावास बंद करने का उनका फैसला 23 नवंबर से प्रभावी हो गया है। अफगानिस्तान की सरकार का कहना है कि उन्हें भारत सरकार की तरफ से लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसके कारण यह फैसला किया गया है।
बता दें कि नई दिल्ली में अफगानिस्तान दूतावास का परिचालन बीती 30 सितंबर से बंद है। अफगानिस्तान सरकार ने बयान में कहा है कि उन्हें भारत सरकार से सहयोग नहीं मिल सका, जिसके बाद आठ हफ्ते इंतजार करने के बाद नई दिल्ली में स्थित अफगानिस्तान का दूतावास बंद करने का फैसला किया है। अफगानिस्तान ने कहा है कि विएना कन्वेंशन 1961 के अनुसार भारत सरकार से मांग की गई है कि अफगानिस्तान के दूतावास की संपत्ति, बैंक अकाउंट, वाहनों और अन्य संपत्तियों की कस्टडी उन्हें दी जाए।
अफगानिस्तान सरकार का कहना है कि नीतियों में बड़े बदलावों और हितों का ध्यान रखते हुए भारत में दूतावास को बंद करने का फैसला किया गया है। अफगान सरकार ने दूतावास को समर्थन देने के लिए भारत सरकार के प्रति आभार भी जताया है। अफगानिस्तान ने जारी बयान में कहा है कि बीते दो साल तीन महीने में भारत में अफगानी लोगों की संख्या में काफी कमी आई है और अगस्त 2021 की तुलना में यह आंकड़ा आधा रह गया है और इस दौरान कम संख्या में नए वीजा जारी किए गए हैं।
भारत में अफगानिस्तान के इंचार्ज एंबेसडर फरीद मामुंदजई थे लेकिन उनकी नियुक्ति अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी से पहले हुई थी। मामुंदजई ने आरोप लगाया कि अफगानिस्तान में तालिबान का शासन आने के बाद उन्हें कोई समर्थन या कूटनीतिक मदद नहीं दी गई। इसके कारण वह अपना काम नहीं कर पा रहे थे। वहीं आरोप लगा कि मामुंदजई भारत सरकार और तालिबान सरकार के बीच तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहे थे। आखिरकार 30 सितंबर को अफगानिस्तान दूतावास का भारत में परिचालन बंद हो गया और दूतावास का स्टाफ अमेरिका या यूरोप के लिए रवाना हो गया।
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