जीजीडीएसडी कॉलेज राजपुर में वन्यजीव संरक्षण पर व्याख्यान
जीजीडीएसडी कॉलेज राजपुर में जैव विज्ञान विभाग ने हिमाचल की वन्यजीव जैव विविधता व संरक्षण रणनीतियों पर डॉ. निशांत वर्मा का प्रेरक व्याख्यान आयोजित किया।

मनोज धीमान। पालमपुर
गोस्वामी गणेश दत्त सनातन धर्म कॉलेज, राजपुर के जैव विज्ञान विभाग ने “हिमाचल प्रदेश के वन्य जीवों की जैव विविधता एवं संरक्षण की रणनीतियां और उपाय” विषय पर एक प्रेरक अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया।
इस अवसर पर चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर के कॉलेज ऑफ वेटनरी एंड एनिमल साइंसेज से सहायक प्रोफेसर डॉ. निशांत वर्मा मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।
हिमाचल की वन्यजीव धरोहर पर विस्तार से चर्चा
डॉ. वर्मा ने हिमाचल की समृद्ध जैव विविधता, राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों की विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने स्नो लेपर्ड, आईबेक्स, ब्लू शीप, वाइल्ड गोट, मस्क डियर, हिमाचली मोनाल और जुजुराना जैसे दुर्लभ व संकटग्रस्त प्रजातियों के संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि मानव अतिक्रमण, जलवायु परिवर्तन और शिकार जैसी गतिविधियाँ वन्यजीवों के जीवन के लिए गंभीर खतरा बन रही हैं।
“संरक्षण केवल पौधारोपण से नहीं, देखभाल से भी”
डॉ. वर्मा ने कहा कि—
“पौधारोपण तभी सार्थक है जब उसके साथ संरक्षण और निरंतर देखभाल की भावना भी जुड़ी हो।”
उन्होंने विद्यार्थियों को पर्यावरणीय चेतना बढ़ाने, वन्यजीव संरक्षण में भागीदारी निभाने और इस क्षेत्र में शोध एवं रोजगार के अवसरों के प्रति जागरूक होने का आह्वान किया।
शिक्षा जगत में पर्यावरणीय चेतना का सेतु
कॉलेज के निदेशक एवं प्राचार्य डॉ. विवेक शर्मा ने कहा कि ऐसे आयोजन छात्रों में प्रकृति और वन्यजीवों के प्रति मूल्यबोध और जिम्मेदारी की भावना को प्रबल करते हैं।
कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक अनीश कुमार ने किया जबकि डॉ. उषा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
इस मौके पर ईशा चावला, मीनाक्षी, मोनिका चौधरी, डॉ. अदिति शर्मा, डॉ. शिल्पी, संदीप गोपाल सहित कॉलेज के संकाय सदस्य और सभी विज्ञान विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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