मॉनसून : मलबे की चपेट में आए मकान और वाहन, गंभरपुल भी खतरे में
प्रदेश में मानसून की पहली बारिश से सोलन जिले के कुनिहार क्षेत्र में भूस्खलन और नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे मकानों और पुल को खतरा है। ग्रामीणों ने राहत की गुहार लगाई है।

ब्यूरो रिपोर्ट। सोलन
प्रदेश में मानसून की पहली बारिश ने ही अपना भयानक रूप दिखाना शुरू कर दिया है, जिसके चलते कई जगह भूस्खलन व नदी-नालों का जलस्तर भी बढ़ना शुरू हो गया है। यदि जिला सोलन के कुनिहार क्षेत्र की बात करें तो यहां कुनिहार-नालागढ़ मार्ग के गंभरपुल के अंडर ज्यावला गांव भी खतरे से खाली दिखाई नहीं दे रहा, क्योंकि वीरवार देर रात्रि हुई भारी बारिश के चलते ज्यावला गांव की पहाड़ी से बहते पानी के साथ-साथ भारी मलबा आ गया। इसकी वजह से कुछ मकानों के साथ-साथ गंभरपुल भी खतरे की जद में आता दिखाई दे रहा है।
पानी का बहाव इतना तेज था कि एक मकान व पुल की नींव को नुक्सान पहुंचा गया जबकि अन्य मकानों को भी खतरा पैदा हो गया है। ग्रामीणों ने सरकार एवं प्रशासन से राहत एवं बचाव की गुहार लगाई है। यदि बरसात आने से पहले पानी के बहाव का समाधान नहीं किया तो बरसात के दौरान कोई बड़ी अनहोनी या घटना हो सकती है। बीते सोमवार को ज्यावला गांव की पहाड़ी में बादल फटने जैसे हालात लग रहे थे, जिसकी वजह से गंभरपुल में भारी मलबा आ गया था। इस कारण कई मकानों के साथ कई वाहनों को नुकसान पहुंचा है।
मकान की मालिक अनिता शर्मा ने कहा कि अपने मकान को गिरता देखने के सिवाय कुछ नजर नहीं आ रहा। बीते मंगलवार को भी प्रशासन को आपबीती सुनाई थी, वहीं बीती रात्रि भी इतना पानी व मलबा पहाड़ी से आ गया कि मकान की नींव तक खाली हो गई है। हमने पूरी रात बच्चों के साथ सहम कर गुजारी है। सुबह होते ही परिवार को किसी अपने रिश्तेदारों के घर भेज दिया ताकि परिवार सुरक्षित रहे।
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