पुराना कांगड़ा में श्रीकृष्ण-सुदामा झांकी ने मोहा मन
पुराना कांगड़ा में श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन श्रीकृष्ण-सुदामा की दोस्ती की झांकी और ब्रज की होली ने भक्तों को मंत्रमुग्ध किया।
सुमन महाशा। कांगड़ा
श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन पुराना कांगड़ा का वातावरण भक्ति और उल्लास से सराबोर हो गया। कथावाचक स्वामी अतुल कृष्ण महाराज ने श्रीकृष्ण और सुदामा की अमर दोस्ती का भावपूर्ण वर्णन किया। कथा स्थल पर निकाली गई आकर्षक झांकी ने श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया।
ब्रज की होली का आनंद
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कथा प्रेमियों ने भगवान श्रीकृष्ण संग ब्रज की होली खेली।
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श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे पर रंग और गुलाल लगाकर भक्ति रस का अनुभव किया।
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माहौल में भक्ति और आनंद का अनूठा संगम देखने को मिला।
महारास से कंस वध तक के प्रसंग
कथा में श्रीकृष्ण का महारास, कंस वध, गुरुकुल में विद्याध्ययन, द्वारका नगरी की स्थापना और देवी रुक्मिणि विवाह के प्रसंगों का वर्णन हुआ, जिसे सुनकर श्रोता भाव-विभोर हो उठे।
संत वचनों का संदेश
स्वामी अतुल कृष्ण महाराज ने कहा कि—
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“संत के वचन गुलाब की तरह होते हैं, जिन्हें विज्ञान और तर्क से नहीं, बल्कि हृदय से समझा जाना चाहिए।”
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“श्रीमद्भागवत मुक्ति शास्त्र है, जिसे सुनने वाला संसार से मुक्त हो जाता है।”
विशेष उपस्थिति
इस मौके पर मुख्य यजमान तृपता परवान, नगर परिषद सदस्य सुमन वर्मा, मोनिका काजल, पूर्व बीडीसी अध्यक्ष पुष्पा चौधरी, एडवोकेट ओम प्रकाश चौधरी, रविन्द्र कपूर, मोनिका कथूरिया, तुलसी राम, मोहित सैनी, परवीन वर्मा, अश्वनी शर्मा सहित सैकड़ों भागवत प्रेमी मौजूद रहे।
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