विधानसभा अध्यक्ष ने सुनीं दोनों पक्षों की दलीलें, बागी हुए विधायकों की सदस्यता पर फैसला सुरक्षित
विधानसभा में पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने वाले कांग्रेस के छह बागी विधायकों की सदस्यता को लेकर सुनवाई पूरी कर विधानसभा अध्यक्ष ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।

ब्यूरो। रोज़ाना हिमाचल
विधानसभा में पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने वाले कांग्रेस के छह बागी विधायकों की सदस्यता को लेकर सुनवाई पूरी कर विधानसभा अध्यक्ष ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। राज्यसभा के चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायक पार्टी व्हिप के बावजूद बजट पारित किए जाने के दौरान सदन में मौजदू नहीं थे, इसलिए उनकी विधानसभा सदस्यता पर तलवार लटक गई है। इस मामले पर सुनवाई बुधवार को पहले डेढ़ बजे शुरू हुई और इसके बाद चार बजे दोबारा सुनवाई की गई। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने कहा है कि कांग्रेस ने सभी सदस्यों को थ्री लाइन व्हिप जारी किया था। इसके बावजूद जब बजट कटौती प्रस्ताव को मतदान के लिए रखा गया, तो छह सदस्य सदन में मौजूद नहीं थे। संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने इसकी शिकायत की है। इस शिकायत में थ्री लाइन व्हिप के उल्लंघन के आरोप में सत्ता पक्ष ने सभी सदस्यों को अयोग्य घोषित करने की बात कही है। इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष सर्वाेच्च न्यायालय में पूर्व में हुए फैसलों का अध्ययन करने के बाद सुनवाई की गई । दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें पेश की हैं। सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया है। इस मौके पर विधायकों की तरफ से उपस्थित वकील सतपाल जैन ने कहा कि संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान ने याचिका दायर की है। याचिका पर 12 बज कर 10 मिनट पर नोटिस जारी हुआ। 28 को व्हाट्सऐप पर नोटिस भेजा गया। पूरी टीम उपस्थित हुई और एक आवेदन विधानसभा अध्यक्ष के सामने रखा। कापी उपलब्ध करवाने की मांग की। साथ ही सात दिन का नोटिस देने की बात कही। उन्होंने कहा कि विधायकों ने कोई भी काम ऐसा नहीं किया है। छह विधायकों को मेल पर नोटिस भेजने की बात कही है
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