मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बचा ली सरकार, राज्यसभा चुनाव के बाद आया संकट टला
हिमाचल विधानसभा में बुधवार को जैसे-तैसे बजट पारित करवाने के साथ ही सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने फिलहाल सरकार बचा ली है।

ब्यूरो। रोज़ाना हिमाचल
हिमाचल विधानसभा में बुधवार को जैसे-तैसे बजट पारित करवाने के साथ ही सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने फिलहाल सरकार बचा ली है। 40 विधायकों के बावजूद 25 विधायकों की भाजपा से राज्यसभा की सीट हारने के बाद सुक्खू सरकार पर अचानक संकट आ गया था। अब बजट पारित होते ही उन्हें राहत मिल गई है, क्योंकि अब जल्द ही फ्लोर टेस्ट भी विधानसभा में नहीं हो पाएगा। विशेषज्ञ इसे कांग्रेस के आज के दिन का बेहतर प्रबंधन बता रहे हैं। हालांकि वे ये भी कहा जा रहा है, कि पिछले तीन दिन में राजधानी में जो कुछ हो रहा था, सरकार उसे समझ नहीं पा रही थी। बुधवार को सोची-समझी रणनीति के तहत विपक्ष की अनुशासनहीनता को सरकार ने अपनी ढाल बनाया और विपक्ष के 15 विधायकों को सस्पेंड कर दिया। यहीं से विपक्ष संख्याबल कायम करने में चूक गया। दूसरी तरफ कांग्रेस के बागी विधायक और निर्दलीय एमएलए भी बजट पारित करते समय सदन में नहीं आए। अपने विधायक दल में बगावत के कारण सरकार को बजट सत्र तय समय से एक दिन पहले ही स्थगित करना पड़ा। हिमाचल में लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 साल करने के बिल पर भी चर्चा नहीं हुई। सारा राजनीतिक घटनाक्रम विधानसभा से बाहर कांग्रेस हाईकमान के पाले में चला गया है। राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी की अप्रत्याशित हार के बाद कांग्रेस हाईकमान को भी बड़ा झटका लगा है, इसलिए पार्टी ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवाकुमार और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को शिमला भेजा है। पार्टी का मकसद सरकार को बचाना है।
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