बिहार चुनाव में Deepfake पर सख्ती! चुनाव आयोग ने जारी की नई AI गाइडलाइन्स
ECI ने बिहार समेत सभी चुनाव अभियानों के लिए AI व Deepfake वीडियो पर सख्त नियम लागू किए। अब हर डिजिटल कंटेंट पर “AI Generated” टैग अनिवार्य।
चुनाव प्रचार में फर्जी वीडियो अब नहीं चलेंगे! 24 अक्टूबर 2025 को चुनाव आयोग (ECI) ने बिहार विधानसभा चुनाव समेत सभी राज्यों के इलेक्शन कैंपेन के लिए AI-Generated और Deepfake कंटेंट को लेकर स्पष्ट और सख्त दिशा-निर्देश जारी किए। अब राजनीतिक दलों को अपनी डिजिटल प्रचार सामग्री में "AI Generated", "Synthetic Content" जैसे टैग लगाना अनिवार्य होगा।
क्या हैं ये नई गाइडलाइन्स?
-
AI/Deepfake वीडियो, ऑडियो या इमेज प्रचार में इस्तेमाल करने पर, हर कंटेंट का 10% हिस्सा स्पष्ट टैगिंग (जैसे AI Generated) के लिए रखना जरूरी।
-
ऑडियो कंटेंट में शुरुआत के 10% पर, वीडियो/इमेज में डिस्प्ले/ड्यूरेशन में साफ-साफ खुलासा जरूरी।
-
गलत पहचान, झूठी आवाज या फर्जी चेहरा दिखाकर वोटर्स को गुमराह करने पर तुरंत कार्रवाई।
-
मिसलीडिंग या डीपफेक कंटेंट रिपोर्ट होने पर 3 घंटे में हटाना अनिवार्य।
-
हर पार्टी को AI वीडियो/कंटेंट का रिकॉर्ड सुरक्षित रखना होगा, आयोग के कहने पर देना होगा।
आयोग का मकसद
-
चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना।
-
वोटर विश्वास की सुरक्षा।
-
फेक वीडियो/मिसइन्फॉर्मेशन से जनता को बचाना।
क्यों जरूरी हैं ये नियम?
-
2024-25 में deepfake वीडियो की बाढ़ और फर्जी भाषणों ने चुनावी माहौल को गुमराह किया।
-
भारत के चुनाव में डिजिटल प्रचार तेजी से बढ़ रहा है—नए नियम पारदर्शिता, सच्चाई और जिम्मेदारी वैश्विक स्तर जैसे करने के लिए।
निष्कर्ष
ECI के यह नियम तत्काल प्रभाव से लागू हैं—बिहार चुनाव के लिए सबसे पहले, पर अब हर राज्य व राष्ट्रीय चुनाव में अनिवार्य। वोटर को भ्रमित करने वाले deepfake/AI वीडियो पर चुनाव आयोग की यह सख्ती डिजिटल प्रचार संस्कृति में बड़ा बदलाव लाएगी।
What's Your Reaction?
Like
0
Dislike
0
Love
0
Funny
0
Angry
0
Sad
0
Wow
0