करुणामूलक परिवारों की नौकरियां लोकसभा चुनावों से पहले बहाल करे सरकार
हिमाचल प्रदेश के समस्त करुणामूलक परिवार निरंतर नौकरी बहाली के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु से मिल रहे हैं ।

ब्यूरो। रोज़ाना हिमाचल
हिमाचल प्रदेश के समस्त करुणामूलक परिवार निरंतर नौकरी बहाली के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु से मिल रहे हैं । इसी दौरान वीरवार को करुणामूलक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार व मीडिया प्रभारी गगन कुमार की अध्यक्षता में यह सभी परिवार पालमपुर मे एक बार फ़िर से मुख्यमंत्री से मिल कर अपनी मांग को उठाया। निरंतर अपनी मांग को उठाते हुए इनका कहना हैं कि लोकसभा चुनाबो से पहले करुणामूलक नौकरियों पर सरकार जल्द से जल्द फैसला ले !! ताकि इन परिवारों को राहत मिल सके। इन परिवारों का कहना है कि हमने अपने घर का सदस्य खोया है। 20 से -25 सालों से समस्त करुणा मूलक परिवारों के केस विभागों, बोडो, निगमो,ब यूनिवर्सिटियो में लटके पड़े हैं। इन लोगों ने अपने परिवार का सदस्य खोया है और ऊपर से सरकारों कि गलत नीतियों इन पर जबरन थोपी जाती है। विधानसभा चुनावों में मौजूदा सरकार ने एक मुर्शत नौकरी देने का वादा किया गया था लेकिन सरकार को बने हुए डेढ़ साल से से ज्यादा समय हो गया केवल आश्वासन पे आश्वासन इन परिवारों को दिए जा रहे हैं।
राजनीतिक दलों का कहना है कि हमारी सरकार कर्मचारी हितेषी हैं। दूसरी तरफ इन कर्मचारियों के परिवारों का शोषण निरंतर होता आ रहा हैं जो अब इस दुनिया में नहीं है । इन परिवारों की गलती क्या है। इनके साथ भेदभाव क्यों किया जाता है। चुनावों के समय बड़े-बड़े मंचों पर उनके लिए बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं और जैसे ही सरकार सत्ता के अधीन हो जाती हैं तो इन परिवारों को दरकिनारा कर दी जाता है !! और इन परिवारों को मुख्यमंत्री द्वारा हर बार यह आश्वासन देखकर टाल दिया जाता है कि आपके लिए नीति बनाई जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार का कहना है कि सरकार हमें आधिकारिक लेवल पर बैठक के लिए बुलाए जिससे कि करुणामूलक नौकरियां का कोई हल निकल सके । आगामी कैबिनेट में पॉलिसी संशोधन किया जाए जिसमें 5 लाख आय सीमा निर्धारित की जाए जिसमें एक व्यक्ति सालाना आय शर्त को हटाया जाए । वित विभाग के द्वारा रेजेक्टेड केसों को कंसिडेर न करने की नोटिफिकेशन को तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया जाए| और रेजेक्टेड केसों को दोवारा कंसिडेर करने की नोटिफिकेशन जल्द की जाए। जिन विभागों बोडो निगमो और यूनिवर्सिटी में खाली पोस्टें नही है उन केसों को अन्य विभाग में शिफ्ट करके नोकरियाँ दी जाए । क्लास-C व क्लास-D में कोटे की शर्त को हमेशा के लिए हटा दिया जाए । योग्यता के अनुसार क्लास-c व क्लास-D के सभी श्रेणियों के सभी पदों में नोकरियां दी जाए ताकि एक पद पर बोझ न पड़े । उपरोक्त मांगों के सन्द्रभ में कैबिनेट में मोहर लगाई जाए।
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