⚡ रिहैबिलिटेशन स्कीम पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, याचिका खारिज
हिमाचल हाईकोर्ट ने कोल डैम परियोजना से जुड़ी पुनर्वास योजना का लाभ पाने के लिए दायर याचिका खारिज कर दी। पात्रता शर्तें पूरी नहीं थीं।

शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कोल डैम जलविद्युत परियोजना से जुड़ी पुनर्वास और पुनर्स्थापन योजना का लाभ पाने के लिए दायर एक याचिका को खारिज कर दिया है।
मंडी जिले के गांव बिंगा निवासी याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि कौल डैम निर्माण के लिए गांव आहन में उसकी 2 बिस्वा जमीन का अधिग्रहण हुआ। उसने मुआवजे के अलावा पुनर्वास योजना के तहत लाभ की मांग की थी।
मामले की सुनवाई न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत में हुई। कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता ने जमीन अधिग्रहण (साल 2000) के 16 साल बाद 2016 में यह मुद्दा उठाया, जो अत्यधिक देरी है। साथ ही, योजना की शर्तों के अनुसार लाभ तभी मिल सकता था जब अधिग्रहण की अधिसूचना जारी होने (दिसंबर 2000) की तारीख पर संबंधित पंचायत के परिवार रजिस्टर में याचिकाकर्ता का नाम दर्ज होता।
सुनवाई के दौरान प्रतिवादी एनटीपीसी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता का नाम पंचायत परिवार रजिस्टर में दर्ज नहीं था क्योंकि वह गांव आहन का निवासी नहीं था।
कोर्ट ने यह भी माना कि याचिकाकर्ता ने जानबूझकर यह जमीन खरीदी थी, जबकि उसे परियोजना के बारे में पूरी जानकारी थी। ऐसे में वह योजना के लिए पात्र नहीं था। अदालत ने कहा कि अधिकारियों की ओर से उसकी मांग को खारिज करना उचित है।
इस आधार पर हाईकोर्ट ने नाथू बनाम एनटीपीसी मामले में दायर याचिका को खारिज कर दिया।
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