कांगड़ा कॉलेज में ट्रम्प की टैरिफ नीति पर हुई गरमागरम बहस, छात्रों ने रखे वैश्विक असर पर तर्क
एमसीएम डीएवी कॉलेज, कांगड़ा में अर्थशास्त्र विभाग ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ वृद्धि और उसके वैश्विक आर्थिक प्रभावों पर बौद्धिक बहस का आयोजन किया। छात्रों ने संरक्षणवाद, मुक्त व्यापार और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं पर गहन चर्चा की।

कांगड़ा। सुमन महाशा
एमसीएम डीएवी कॉलेज, कांगड़ा के अर्थशास्त्र विभाग में बुधवार को एक विशेष बौद्धिक बहस का आयोजन हुआ, जिसका विषय था — "अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा टैरिफ वृद्धि एवं उसके वैश्विक आर्थिक प्रभाव"। इस बहस में ट्रम्प प्रशासन की 25% टैरिफ वृद्धि और प्रस्तावित अतिरिक्त 25% वृद्धि को केंद्र में रखते हुए चर्चा हुई।
छात्र-छात्राओं ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सिद्धांत, संरक्षणवाद (Protectionism) और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं (Global Supply Chains) पर टैरिफ वृद्धि के असर पर अपने तर्क रखे। कुछ प्रतिभागियों का मानना था कि इस तरह की नीतियां अल्पकाल में घरेलू उद्योगों के लिए लाभकारी हो सकती हैं, लेकिन लंबी अवधि में उपभोक्ता कल्याण, प्रतिस्पर्धा और नवाचार को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
मुक्त व्यापार (Free Trade) के समर्थकों ने बताया कि शुल्क अवरोध (Tariff Barriers) कम करने से संसाधनों का बेहतर आवंटन होता है, जबकि संरक्षणवादी नीतियां अक्सर व्यापार युद्ध (Trade War) को जन्म देती हैं।
कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. बलजीत पटियाल ने कहा कि इस तरह के आयोजन छात्रों में आलोचनात्मक सोच और वैश्विक दृष्टिकोण को विकसित करने में मददगार होते हैं। उन्होंने अर्थशास्त्र विभाग की इस पहल की सराहना की और भविष्य में भी ऐसे शैक्षणिक आयोजनों को प्रोत्साहन देने का आश्वासन दिया।
असिस्टेंट प्रोफेसर मोनिका धड्डा ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की व्यापार नीति को दीर्घकालिक विकास, सामाजिक कल्याण और वैश्विक आर्थिक स्थिरता के संतुलन के साथ बनाना आवश्यक है।
What's Your Reaction?






