कांगड़ा में वनाग्नि व अग्नि सुरक्षा पर 3 दिवसीय प्रशिक्षण
कांगड़ा में वनाग्नि व अग्नि सुरक्षा पर 3 दिवसीय कार्यशाला आयोजित हुई। विशेषज्ञों ने आग रोकथाम, फायर उपकरणों के उपयोग व सुरक्षा उपायों की जानकारी दी।

सुमन महाशा। कांगड़ा
जिला कांगड़ा में आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम “वनाग्नि एवं अग्नि सुरक्षा” के तहत तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने इस अवसर पर कहा कि यह प्रशिक्षण जिले के लिए बेहद अहम है क्योंकि हर साल यहां वनाग्नि की घटनाएं सामने आती हैं, जिनसे जनहानि और प्राकृतिक संपदा दोनों को भारी नुकसान होता है।
विशेषज्ञों ने दिए महत्वपूर्ण टिप्स
कार्यशाला में एसडीआरएफ, वन विभाग और अग्निशमन विभाग के विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को वनाग्नि रोकथाम और सुरक्षा संबंधी तकनीक सिखाईं।
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आग पर नियंत्रण की विधियां
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स्वयं व दूसरों को सुरक्षित रखने के उपाय
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अग्निशमन उपकरणों के सही उपयोग के तरीके
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फायर लाइन व फायर ब्रेक का महत्व
कार्यशाला के मुख्य बिंदु
पहला दिन – वनाग्नि प्रबंधन, प्रकार व कारण, वन्य जीवों व जैव विविधता पर असर और सामुदायिक जागरूकता।
दूसरा दिन – आग की पहचान, रोकथाम, दमन व पुनर्स्थापना, प्राथमिक प्रतिक्रिया और व्यावहारिक प्रदर्शन।
तीसरा दिन – अग्निकांड के दौरान सुरक्षा उपाय, उपयुक्त वस्त्र व मास्क का प्रयोग, ड्रोन से निगरानी।
प्रशासन का फोकस
उपायुक्त बैरवा ने कहा कि सामुदायिक स्तर पर जागरूकता बढ़ाना बेहद जरूरी है ताकि आग लगने की स्थिति में लोग घबराने के बजाय सही कदम उठाएं। इस अवसर पर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के रोबिन कुमार और कुलदीप सिंह भी मौजूद रहे।
निष्कर्ष
यह प्रशिक्षण न केवल अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए बल्कि स्थानीय समुदाय के लिए भी लाभकारी है। विशेषज्ञों की मानें तो समय रहते सही जानकारी और संसाधनों का उपयोग ही आग की बड़ी घटनाओं को रोक सकता है।
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