कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल बनीं मंदिर अधिकारी नीलम राणा, अंतिम दिन तक निभाया सेवा धर्म!
वज्रेश्वरी मंदिर कांगड़ा में मंदिर अधिकारी नीलम राणा ने 38 वर्षों की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति ली। SDM कांगड़ा ने उनकी कर्तव्यनिष्ठा को बताया प्रेरणा का स्रोत। जानिए उनके सेवाकाल की विशेष बातें।

सुमन महाशा, कांगड़ा
वज्रेश्वरी माता मंदिर, कांगड़ा में चल रहे श्रावण अष्टमी मेलों के बीच एक भावुक क्षण देखने को मिला जब मंदिर अधिकारी नीलम राणा ने 38 वर्षों की सेवा के बाद अपने पद से सेवानिवृत्ति ली।
अपने कार्यकाल के अंतिम दिन तक भी वे श्रद्धालुओं की सेवा और मंदिर व्यवस्थाओं की देखरेख में सक्रिय रहीं, जो उनकी कर्तव्यनिष्ठा का जीवंत उदाहरण है।
इस अवसर पर एसडीएम कांगड़ा इशांत जसवाल ने नीलम राणा को माता की मूर्ति भेंट कर सम्मानित किया और कहा:
"मंदिर अधिकारी का कार्य अत्यंत जिम्मेदारी से भरा होता है, जिसे नीलम राणा जी ने पूरे समर्पण और निष्ठा से निभाया। अंतिम दिन तक सेवा करना प्रेरणादायक है।"
एसडीएम ने यह भी बताया कि पिछले दो वर्षों में कांगड़ा मंदिर की व्यवस्थाओं में अभूतपूर्व सुधार हुआ, जिसकी प्रशंसा स्वयं उपायुक्त कांगड़ा ने की और इसका पूरा श्रेय मंदिर अधिकारी को जाता है।
🎖 नीलम राणा की सेवाओं की झलक:
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1988 में डायरेक्ट कानूनगो पद पर चयन
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स्वास्थ्य कारणों से कैडर बदला, धर्मशाला उपायुक्त कार्यालय में कार्य
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2013 में विभागीय परीक्षा देकर 2015 बैच की तहसीलदार बनीं
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चार बार कांगड़ा मंदिर अधिकारी के पद पर कार्य
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सेवाएं: कांगड़ा, धर्मशाला, चंबा, नादौन, देहरा, शाहपुर और मंडी
नीलम राणा ने इस मौके पर कहा:
“माता रानी का आशीर्वाद है कि मुझे चार बार मंदिर में सेवा करने का अवसर मिला। यह मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है।”
कार्यक्रम के दौरान JE विजय कुमार ने अपने संबोधन में नीलम राणा के साथ कार्यकाल को “स्वर्णिम अनुभव” बताया।
अंत में कांगड़ा मंदिर के समस्त कर्मचारियों ने उन्हें स्नेह व शुभकामनाएं दीं और उनके योगदान को यादगार बताया।
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