पेंशन के लिए कर्मचारियों की सर्विस काउंट कर सकती है प्रदेश सरकार
हिमाचल सरकार पेंशन के लिए कर्मचारी की कांट्रेक्ट सर्विस को काउंट कर सकती है।

ब्यूरो। रोज़ाना हिमाचल
हिमाचल सरकार पेंशन के लिए कर्मचारी की कांट्रेक्ट सर्विस को काउंट कर सकती है। कोर्ट में इस तरह के मामले हारने और इन पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद आयुर्वेद विभाग से आए फैसले को लागू करने के लिए वित्त विभाग को केस भेजने को कहा गया है। यह जजमेंट शीला देवी बनाम हिमाचल सरकार केस में सुप्रीम कोर्ट से सात अगस्त, 2023 को आई है। वित्त विभाग से यह पूछा जाएगा कि इस जजमेंट को लागू करने की संभावना कितनी है और फाइनांशियल इंप्लीकेशन क्या है। इस केस में हिमाचल सरकार हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट में भी अपनी कांट्रेक्ट पॉलिसी को डिफेंड नहीं कर पाई थी। सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की तरफ से कहा गया था कि हाई कोर्ट द्वारा याचिकाकर्ता को दी गई राहत गलत सूचना पर आधारित है। कांट्रेक्ट कर्मचारी राज्य सरकार की अनुबंध नीति के तहत स्वेच्छा से कांट्रेक्ट में आते हैं। यह अवधि पेंशन के लिए नहीं ली जाती। हिमाचल में वर्ष 2003-04 में अनुबंध पॉलिसी लागू की गई थी, जबकि चार मई, 2023 को ओल्ड पेंशन की जगह नई पेंशन स्कीम लागू करने की नोटिफिकेशन हुई थी। आयुर्वेद में बतौर अनुबंध कर्मचारी तैनात हुई शीला देवी ने इस अवधि को भी पेंशन के लिए लिए जाने का तर्क देते हुए हाई कोर्ट में केस दायर किया था। हाई कोर्ट से फैसला उनके हक में आया। राज्य सरकार अपील में सुप्रीम कोर्ट चली गई। कोर्ट में कहा कि सीसीएस पेंशन रूल्स 1972 से कांट्रैक्ट कर्मचारियों को बाहर रखा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि सीसीएस पेंशन रूल्स के 2(जी) के तहत अनुबंध कर्मचारी इस दायरे में नहीं हैं,
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