प्रदेश के शांत वातावरण में घुल रहा है नशे का ज़हर
नशे को लेकर ‘उड़ता पंजाब’ से बदनाम हो चुके पड़ोसी राज्य की काली परछाई पहाड़ी प्रदेश हिमाचल पर भी पड़ गई है।

ब्यूरो। रोज़ाना हिमाचल
नशे को लेकर ‘उड़ता पंजाब’ से बदनाम हो चुके पड़ोसी राज्य की काली परछाई पहाड़ी प्रदेश हिमाचल पर भी पड़ गई है। आलम यह है कि प्रदेश की शांत और शीतल वादियों में नशे का जहर घुलने लगा है। हालात ऐसे बन रहे हैं कि नशे को इंजेक्शन के माध्यम से नसों में लेने वाले युवाओं के ऑर्गन डैमेज हो रहे हैं। कुछ ऐसे युवाओं के मामले सामने आए हैं, जिनकी बाजुओं की नसें बार-बार इंजेक्शन लेने से इतनी मोटी पड़ गई हैं, कि अब वे टांगों में इंजेक्ट करने लगे हैं। दरअसल पिछले कुछ समय से स्मोक के जरिए नशा लेने वालों ने इंजेक्शन को बेहतर जरिया बना लिया है क्योंकि यह जल्दी असरकारक हो जाता है। हेरोइन जो कि एक महंगा नशा है उसके आए दिन मामले देखने को मिल रहे है। प्रदेश की राजधानी शिमला में ही वर्ष 2024 के पहले महीने जनवरी में ही 30 केस एनडीपीएस के दर्ज हुए, जिनमें 45 आरोपियों को अरेस्ट किया गया। जानकारी से पता चला है कि लगभग अढ़ाई हजार कैदियों की क्षमता वाली प्रदेश की जेला में तीन हजार के लगभग कैदी हैं उनमें से 40 फीसदी कैदी नशे के मामलों में अरेस्ट हुए हैं। यही नहीं, रिहेब्लिटेशन सेंटरों में 13 साल से अधिक की आयु के बच्चों को माता-पिता छोडक़र जा रहे हैं।
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