ज्वालामुखी मंदिर में 13 पोस्ट को छोड़कर वर्ष 2013 से लेकर आज तक नहीं भरा गया कोई पद
ज्वालामुखी मंदिर में 13 पोस्ट को छोड़कर वर्ष 2013 से लेकर आज तक कोई भी पद मंदिर में नही भरा गया है, जिसके चलते यहां आए दिन अव्यवस्था का आलम देखने को मिलता है।

प्रदीप शर्मा। ज्वालामुखी
ज्वालामुखी मंदिर में 13 पोस्ट को छोड़कर वर्ष 2013 से लेकर आज तक कोई भी पद मंदिर में नही भरा गया है, जिसके चलते यहां आए दिन अव्यवस्था का आलम देखने को मिलता है। बीते 10 साल में मंदिर के कॉम्प्लेक्स का दायरा तो बढ़ गया है, लेकिन खाली पद न भरने के चलते कर्मचारियों पर काम का अतिरिक्त बोझ पड़ा है।
वर्ष 2013 में विधायक संजय रतन के प्रयासों के चलते यहां मंदिर में 10 लंगर सेवादार सहित माता की रसोई के लिए 2 रसोइयों के अलावा 1 सिक्योरिटी सुपरवाइजर की तैनाती की गई थी, ताकि दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
अब आलम ये है की इस बीच इतने सालों में रखे हुए लोगों में कई रिटायर्ड हो गए है तो कई लोग प्रभु चरणों में विलीन हो गए है, ओर पोस्टें न भरने के चलते जहां 2 लोगों की जरूरत है वहां कार्य की देखरेख में एक ही आदमी लगा हुआ है, ऐसे में स्थानीय प्रशासन को इस और ध्यान देने की सख्त जरूरत है।
ज्वालाजी मंदिर परिसर को छोड़कर अन्य जगह भी सेवाएं दे रहे कर्मचारी
आपको बता दें कि ज्वालाजी मंदिर परिसर को छोड़कर कर्मचारी अन्य जगह भी सेवाएं दे रहे हैं, जिसके चलते मंदिर परिसर में कर्मचारी की संख्या बढ़ने की बजाए और घट रही है। ज्वालाजी मंदिर परिसर को छोड़कर कर्मचारी टेढ़ा मंदिर, भैरव मंदिर, तारा देवी, मातृसदन, संस्कृत कॉलेज, अष्टभुजा सहित मंदिर पार्किंग में अपनी ड्यूटी दे रहे हैं। ऐसे में कुल मिलाकर 18 कर्मचारी मंदिर परिसर से इन स्थानों पर भेजे गए हैं, जबकि इन स्थानों पर अभी तक कोई नियुक्तियां नही की गई है।
2016 से लेकर 2023 तक 27 से 29 लोग हुए है रिटायर्ड
बात करें ज्वालामुखी मंदिर की तो जानकारी के अनुसार यहां 2016 से लेकर 2023 तक 27 से 29 कर्मचारी रिटायर्ड हो चुके है और उनके रिटायर्ड होने के बाद भी मंदिर में जो पद खाली चल रहे हैं उन्हें भरने को लेकर भी कोई पहल नही की गई है।
मंदिर में कुल 94 पद स्वीकृत, भरे गए 70 जबकि 24 अभी भी चल रहे खाली
आपको बता दें कि मंदिर में कुल 94 पद स्वीकृत है जिनमें 70 पद भरे गए है जबकि 24 पद अभी भी खाली चल रहे हैं जिन्हें भरने को लेकर अभी कोई पहल शुरू नही की गई है। मंदिर की बैठक के दौरान हर बार प्रस्ताव डाला जाता है लेकिन वह सिरे कभी नही चढ़ता है। रिक्त पड़े पदों में कनिष्ठ सहायक वरिष्ठ लिपिक के 4 पद, कनिष्ठ कार्यालय सहायक का 1 पद, अध्यापक का 1 पद, पुजारी के 4 पद, रसोइया के 3 पद, सहायक रसोइया का 1 पद, डॉक्टर आयुर्वेदा का 1 पद सहित सेवादार, चौंकीदार, माली के अलावा अन्य चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के 4 पद खाली पड़े है। इसके अलावा ड्राफ्टमैन का 1, विधुतकार के 2 और पलंबर का 1 पद खाली भरा है जिसे अभी तक नही भरा गया है।
कर्मचारियों की कमी के चलते लंगर सहित सफाई व्यवस्था भी हो रही प्रभावित
कर्मचारियों की कमी के चलते मंदिर में लंगर सहित सफाई व्यवस्था भी बहुत प्रभावित हो रही है। अव्यवस्था का आलम यह है कि मंदिर के अधीन आती ज्वालामुखी एस डी एम कार्यालय के साथ बनी ज्वालाजी मंदिर पार्किंग में आए दिन गंदगी देखने को मिलती है। स्वच्छता से ही शहर की सुंदरता में निखार आता है लेकिन यहां कर्मचारियों की कमी की चलते पार्किंग में हफ्ते में एक आधी बार ही सफाई होती है और कूड़ा भी इस बीच यहीं डंप किया जाता है। ऐसे में यहां कभी भी आपको कूड़ा थैलों में भरा पड़ा हुआ देखने को मिलेगा, जिसके चलते यहां पूरा दिन बदबू फैली रहती है।
मामले को लेकर क्या कहते मंदिर अधिकारी
इस मामले को लेकर तहसीलदार व मंदिर अधिकारी मनोहर लाल शर्मा का कहना है की वह इस मामले को समय समय पर उच्च अधिकारियों के समक्ष रखते आए हैं, ऐसे में जैसे ही यहां से पदों को भरने के लिए कोई उचित करवाई होती है तो वह आगे की प्रक्रिया तुरंत प्रभाव से शुरू करेंगे।
ममाले को लेकर क्या कहते हैं एसडीएम ज्वालाजी
इस मामले को लेकर एस डी एम ज्वालाजी डॉक्टर संजीव कुमार ने कहा कि ज्वालाजी मंदिर में कर्मचारियों की कमी का मामला सरकार के ध्यान में लाया गया है। यहां से प्रस्ताव पारित होने के बाद जल्द ही रिक्त पड़े पदों को भरा जाएगा।
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