दिल्ली चुनाव और प्रदूषण: आज फिर सियासी तूफान, कौन है जिम्मेदार?
दिल्ली चुनाव के बीच प्रदूषण पर सियासत गर्म, भाजपा का नया संकल्प पत्र और AAP–पंजाब का पलटवार।

दिल्ली चुनाव और प्रदूषण : आज फिर सियासत गरम
दिल्ली में आज न केवल चुनावी माहौल गर्म रहा, बल्कि वायु प्रदूषण ने भी राजनीति को झकझोर दिया। एक तरफ भाजपा ने अपना संकल्प पत्र पेश किया, दूसरी ओर आम आदमी पार्टी और पंजाब के मंत्री बलबीर सिंह ने प्रदूषण को लेकर सरकारों पर निशाना साधा।
क्या है दिल्ली चुनाव का संकल्प पत्र?
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भाजपा ने महिलाओं के लिए हर महीने 2500 रुपये की सहायता, मुफ्त गैस सिलेंडर और निशुल्क शिक्षा जैसे कई वादे किए हैं।
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घोषणा पत्र में 20 लाख युवाओं को रोजगार, 13,000 इलेक्ट्रिक बसें और यमुना किनारे रिवरफ्रंट डेवलपमेंट जैसी योजनाएं शामिल हैं।
प्रदूषण पर किसका आरोप?
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दिवाली के बाद दिल्ली का AQI आज "बहुत खराब" श्रेणी में पहुंच चुका है। आनंद विहार और पंजाब बाग जैसे क्षेत्रों में सांस लेना मुश्किल हो गया।
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भाजपा ने पराली जलाने को बड़ा कारण बताया और पंजाब की AAP सरकार से जवाब मांगा।
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AAP का जवाब : "प्रदूषण केवल पराली की वजह से नहीं, वाहनों, फैक्ट्रियों और पावर प्लांट की भी जिम्मेदारी है।"
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पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने राष्ट्रीय स्तर पर एक्शन प्लान बनाने की गुहार लगाई — "ये केवल दिल्ली या पंजाब की नहीं, राष्ट्रीय समस्या है। सबको मिलकर लड़ना होगा।"
जनता क्या कहती है?
Delhi के निवासियों ने साझा किया—
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"हर साल यही हाल है… सरकारें आती-जाती हैं, लेकिन सांस लेना और मुश्किल हो जाता है।"
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"चुनाव में बड़े-बड़े वादे होते हैं, लेकिन प्रदूषण पर ठोस फैसलों की जरूरत है।"
नतीजा क्या होगा?
इस बार दिल्ली चुनाव और प्रदूषण दोनों पर सियासत अपने चरम पर है। जनता उम्मीद कर रही है कि राजनेता बयानबाज़ी छोड़कर समाधान की ओर कदम बढ़ाएं। आने वाले दिनों में देखना होगा, क्या सिर्फ चुनावी वादे होंगे या वाकई दमदार एक्शन भी लिया जाएगा।
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