दिल्ली-NCR में ग्रीन पटाखे विवाद: दिवाली पर नया कोर्ट आदेश, पर्यावरण पर राजनीति गरम
दिल्ली-NCR में दिवाली पर ग्रीन पटाखों की इजाजत, सुप्रीम कोर्ट का नया आदेश, लाइसेंस, कड़े नियम और पर्यावरण पर सियासी बहस।

अबकी दिवाली दिल्ली-NCR के लिए खास है! सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सिर्फ ग्रीन पटाखों की बिक्री-अनुमति—वह भी कड़े टाइम स्लॉट, और सैकड़ों अस्थायी लाइसेंस के साथ। पटाखों, पर्यावरण, और परंपरा को लेकर राजधानी में तीखी बहस शुरू हो गई है।
हिमाचल समेत देशभर के पाठकों के लिए, ये बहस सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं—इसकी सीख हर शहर के लिए जरूरी है।
क्या है नया आदेश?
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सुप्रीप कोर्ट ने सिर्फ 18–20 अक्टूबर को, सुबह 6–7 और रात 8–10 बजे ग्रीन पटाखे चलाने की इजाजत दी
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केवल PESO और NEERI से अनुमोदित पटाखे ही वैध
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Delhi में 168 अस्थायी दुकानों को लाइसेंस मिला
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फर्जी या conventional पटाखे बेचने-चलाने पर भारी जुर्माना और जेल
असली ग्रीन पटाखा कैसे पहचानें?
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हर पटाखे के पैकेट पर “Green Fireworks” का लोगो व QR Code
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CSIR-NEERI की QR Code ऐप से स्कैन करें—सुप्रीम कोर्ट ने strict checking के निर्देश दिए
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दुकानदार भी खुद एक्टिव वेरिफिकेशन करें
नीति और जिम्मेदारियां
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पटाखा दुकान/स्टॉक दिवाली के तुरंत बाद लौटाना
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दुकानों, बाजारों, मोहल्लों—हर जगह पुलिस की पेट्रोलिंग
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DPCC/SDMs ने AQI मॉनिटरिंग तेज की
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सख्त एनफोर्समेंट—रूल टूटने पर Zero Tolerance
पर्यावरण, परंपरा और राजनीति
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बीते साल तुलना में इस बार 40% ज्यादा लोग पटाखे चला सकते हैं
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ग्रीन पटाखे भी pollution-free नहीं, बस कम नुकसान
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दिल्ली सरकार ने फैसले को “परंपरा-पर्यावरण संतुलन” बताया
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BJP, Congress, AAP—तीनों का अलग स्टैंड, जनता में बहस तेज
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सुप्रीम कोर्ट ने आगे की नीति compliance रिपोर्ट पर निर्भर बताई
सवाल-जवाब (FAQ Style)
Q: क्या ग्रीन पटाखे वाकई सुरक्षित हैं?
A: कम प्रदूषण वाले हैं लेकिन पूरी तरह safe नहीं—PM2.5 में 30% तक कमी, फिर भी खतरा।
Q: लाइसेंस न होने वाले पटाखे खरीदें तो क्या होगा?
A: सख्त जुर्माना और जेल, दुकान-स्टॉक जब्त।
निष्कर्ष
हर दिवाली की चमक के बीच अब पर्यावरण-जागरूकता और परंपरा की बहस जरूरी है। दर्शकों से अपील—मान्यता प्राप्त दुकानों से ही ग्रीन पटाखे लें, जरूरी टाइम स्लॉट ही फॉलो करें और सहयोग से त्यौहार मनाएं।
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