कांगड़ा में मूसलाधार बारिश का कहर, आज बंद रहेंगी स्कूल-कॉलेज
भारी बारिश और भूस्खलन के खतरे को देखते हुए कांगड़ा जिले में 25 अगस्त को सभी शैक्षिक संस्थान बंद रहेंगे, डीसी ने आदेश जारी किया।

कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बारिश से जगह-जगह भूस्खलन और सड़कें बंद पड़ने के चलते पूरे जिला प्रशासन ने रविवार, 25 अगस्त 2025 को सभी शैक्षिक संस्थानों को बंद रखने का आदेश जारी किया है। इसमें सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, तकनीकी संस्थान और आंगनबाड़ी केंद्र शामिल हैं। जिला दंडाधिकारी हेमराज बेहरा (IAS) द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि विद्यार्थियों को घर पर ही रहने के निर्देश दिए गए हैं, जबकि शिक्षकों और प्रशासनिक कर्मचारियों को अपने-अपने कार्यालयों पर उपस्थित होकर नियमित कार्य संपादित करने होंगे।
पिछले दो दिनों से जारी मूसलधार बारिश के कारण जिले के कई गांवों में सड़कें बंद हो गई हैं, पेड़ गिर गए हैं और यातायात बाधित हुआ है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने कांगड़ा जिले के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है और संभावित भूस्खलन, फ्लैश फ्लड और अन्य खतरों की चेतावनी दी है।
आदेशों में कहा गया है, “वर्तमान स्थिति को देखते हुए जनहित में एहतियाती कदम उठाना आवश्यक समझा गया है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके और मानव जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित हो।”
इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी डिप्टी डायरेक्टर (हायर एजुकेशन), डिप्टी डायरेक्टर (एलिमेंट्री एजुकेशन), संस्थान प्रमुखों और आईसीडीएस कार्यक्रम अधिकारियों को दी गई है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि किसी भी तरह की अवहेलना, बाधा या उल्लंघन पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पिछले 48 घंटों में हुई बारिश से ग्रामीण सड़कों पर कई जगह भूस्खलन हुआ है और यातायात आंशिक रूप से बाधित हुआ है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और अनावश्यक यात्रा से बचें, खासकर उन मार्गों पर जहां भूस्खलन और बाढ़ का खतरा है।
गौरतलब है कि इस मानसून सीजन में इससे पहले भी कांगड़ा में खराब मौसम के चलते शैक्षिक संस्थान बंद किए जा चुके हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि मौसम की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर आगे भी कदम उठाए जाएंगे। साथ ही, लोगों से अपील की गई है कि वे केवल आधिकारिक सूचनाओं पर ही विश्वास करें और सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों से बचें।
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