करुणामूलक नौकरियों की बहाली के लिए "मिशन स्पीड पोस्ट" अभियान शुरू
हिमाचल प्रदेश में करुणामूलक आधार पर नौकरियों का इंतजार कर रहे परिवारों ने "मिशन स्पीड पोस्ट" अभियान शुरू किया है।

सुमन महाशा। कांगड़ा
हिमाचल प्रदेश में करुणामूलक आधार पर नौकरियों का इंतजार कर रहे परिवारों ने "मिशन स्पीड पोस्ट" अभियान शुरू किया है। प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार के नेतृत्व में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और अन्य अधिकारियों को स्पीड पोस्ट के माध्यम से मांगपत्र भेजे जा रहे हैं।
मुख्य मांगे:-
1) आगामी कैबिनेट में 7/03/2019 पॉलिसी संशोधन किया जाए जिसमें 62500 एक सदस्य सालाना आय शर्त को पूर्णतया हटा दिया जाए और सालाना आय सीमा को 2.50 लाख से उठाकर ज्यादा से ज्यादा बढ़ाया जाए।
2) वित्त विभाग के द्वारा रिजेक्ट केसों को दोबारा कंसीडर न करने की नोटिफिकेशन जो 22 सितंबर 2022 को हुई थी उस नोटिफिकेशन को तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाए और रिजेक्ट केसों को द्वारा कंसीडर करने की नोटिफिकेशन जल्द की जाए।
3) करुणामूलक भर्तियों में जो 5% कोटे की शर्त जो लगी हुई है उसे हटाया जाए ताकि one time relaxation के आधार पर एक साथ नियुक्तियां हो सके और जिन विभागों बोर्डों और निगमों और यूनिवर्सिटी में खाली पोस्टें नहीं है उन केसों को शिफ्ट करके किसी अन्य विभाग में नौकरियां दी जाए।
4) शैक्षणिक योग्यता के अनुसार सभी श्रेणियों (Techanical + Non Techanical) के सभी पदों में नौकरियां दी जाए ताकि किसी एक पद पर बोझ न पड़े।
संघ का कहना है कि करुणामूलक आश्रित 15-20 साल से नौकरी का इंतजार कर रहे हैं और कई आश्रितों की आयु 45 वर्ष पार हो गई है। चुनावों में 6 महीने में नियुक्तियां देने का वादा किया गया था, लेकिन सरकार वादाखिलाफी कर रही है। संघ ने बजट में विशेष प्रावधान और नीतियों में संशोधन की मांग की है।
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