टांडा मेडिकल कॉलेज के जेनेसिस 2025 में पहुँचे RS बाली
RS बाली ने मेडिकल कॉलेज टांडा के जेनेसिस 2025 कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनकर कहा– पैरामेडिकल कर्मचारी स्वास्थ्य संस्थानों की अहम रीड हैं।

सुमन महाशा। कांगड़ा
मेडिकल कॉलेज टांडा में आयोजित जेनेसिस 2025 कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष व पर्यटन विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष (कैबिनेट रैंक) आर.एस. बाली मुख्य अतिथि बनकर पहुंचे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पैरामेडिकल कर्मचारी स्वास्थ्य संस्थानों की अहम रीढ़ हैं, जिनका कार्य मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं।
टांडा मेडिकल कॉलेज की उपलब्धियां
RS बाली ने अपने संबोधन में बताया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में टांडा मेडिकल कॉलेज ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं।
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पहली बार कॉलेज में ओपन हार्ट सर्जरी और किडनी ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक हुए।
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जल्द ही यहां रोबोटिक सर्जरी शुरू होगी।
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हाल ही में जीएस बाली मदर चाइल्ड हॉस्पिटल का शुभारंभ हुआ है, जिससे महिलाओं व बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं।
विकास पुरुष जी.एस. बाली को किया याद
अपने संबोधन के दौरान RS बाली ने स्वर्गीय जी.एस. बाली को याद करते हुए कहा कि टांडा मेडिकल कॉलेज उनकी सोच का नतीजा है। आज यह संस्थान प्रदेश का अग्रणी मेडिकल कॉलेज बन चुका है और हजारों लोग यहां इलाज के लिए आते हैं।
मुख्य घोषणाएँ व पहल
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मेडिकल कॉलेज टांडा में जल्द एमएससी की कक्षाएं शुरू की जाएंगी।
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पैरामेडिकल प्रशिक्षुओं के लिए नए हॉस्टल का निर्माण होगा।
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कार्यक्रम के लिए RS बाली ने 1 लाख रुपये प्रदान किए।
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पैरामेडिकल एसोसिएशन, स्पोर्ट्स इवेंट विजेताओं व सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।
सांस्कृतिक और खेल गतिविधियाँ
जेनेसिस 2025 के दौरान पैरामेडिकल प्रशिक्षुओं ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं। स्टूडेंट्स यूनियन प्रतिनिधियों ने अपनी मांगें व सुझाव मुख्य अतिथि के समक्ष रखे। खेलकूद प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया गया।
उपस्थित रहे
इस अवसर पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मिलाप, अतिरिक्त निदेशक डॉ. मेजर अवनिंद्र कुमार, एसोसिएशन के सलाहकार डॉ. सुमन, डॉ. धीरज, डॉ. राजीव गोयल, डॉ. पूर्वा व्यास, डॉ. मोनिका, डॉ. प्रदीप, डॉ. सत्यभूषण, डॉ. ननिशा सहित कई गणमान्य लोग व प्रशिक्षु मौजूद रहे।
निष्कर्ष
RS बाली ने स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य संस्थानों को और सुदृढ़ बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। टांडा मेडिकल कॉलेज की उपलब्धियाँ न केवल हिमाचल बल्कि पूरे उत्तर भारत के मरीजों के लिए उम्मीद की नई किरण हैं।
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